बगहा विधानसभा
विधायक – राम सिंह
दल – भाजपा
बगहा, बिहार के पश्चिम चंपारण जिले में स्थित एक प्रमुख विधानसभा क्षेत्र है। यह क्षेत्र तराई भाग में बसा है, जहाँ गंडक नदी और घना जंगल इसकी प्रकृति को खास बनाते हैं।
आर्थिक स्थिति:
बगहा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था मुख्यतः खेती पर आधारित है। यहाँ धान, गन्ना और गेहूं जैसी फसलें मुख्य रूप से उगाई जाती हैं। साथ ही, यहाँ का एक बड़ा हिस्सा वन क्षेत्र (वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान) से घिरा हुआ है, जिससे लकड़ी, जड़ी-बूटियों और पर्यावरणीय पर्यटन से भी कुछ आमदनी होती है। रोजगार के लिए बड़ी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में भी पलायन करते हैं। छोटे व्यापारी, किसानी, मजदूरी और सरकारी नौकरियाँ ही यहां के आम लोगों की आजीविका के साधन हैं।
राजनीतिक स्थिति:
बगहा विधानसभा क्षेत्र बिहार की राजनीति में अहम भूमिका निभाता है। यहाँ के चुनाव जातीय समीकरण और स्थानीय मुद्दों पर अधिक निर्भर करते हैं। विकास, सड़क, शिक्षा, रोजगार और बाढ़ जैसी समस्याएँ चुनावी बहस का मुख्य विषय रहती हैं। आमतौर पर यहां पर राष्ट्रीय और क्षेत्रीय दोनों पार्टियों का अच्छा प्रभाव रहता है। राजनीतिक जागरूकता बढ़ रही है और अब युवा भी खुलकर चुनावों में भाग ले रहे हैं।
जातीय संरचना:
इस क्षेत्र में विभिन्न जातियों का अच्छा मिश्रण है। राजपूत, यादव, ब्राह्मण, मुस्लिम, दलित और आदिवासी (थारू जनजाति) प्रमुख समुदाय हैं। थारू जनजाति विशेष रूप से वाल्मीकि नगर के जंगल और आसपास के इलाकों में रहती है। जातीय संतुलन के चलते चुनावी रणनीति में सभी वर्गों को साधना जरूरी हो जाता है।
भौगोलिक स्थिति:
बगहा उत्तर बिहार के सुदूर पश्चिमी छोर पर स्थित है। यह नेपाल सीमा से सटा हुआ इलाका है। यहाँ गंडक नदी बहती है, जो क्षेत्र को उपजाऊ बनाती है, लेकिन बरसात में बाढ़ का खतरा भी बढ़ाती है। क्षेत्र के एक बड़े हिस्से को वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान ने घेर रखा है, जो बिहार का एकमात्र टाइगर रिजर्व है। हरियाली, जंगल, नदियाँ और छोटी-छोटी पहाड़ियाँ इस इलाके की पहचान हैं।
ऐतिहासिक विशेषता:
बगहा का इलाका स्वतंत्रता संग्राम के दौर से ही सामाजिक आंदोलनों का हिस्सा रहा है। पश्चिम चंपारण का यह क्षेत्र महात्मा गांधी के चंपारण सत्याग्रह (1917) से जुड़ा हुआ है, जिसने पूरे देश में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ एक नई चेतना पैदा की थी।
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