सुपौल:
जिला प्रशासन ने भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की. गुरूवार को जिला मुख्यालय स्थित आईसीडीएस कार्यालय में विशेष छापेमारी अभियान चलाया गया. जिलाधिकारी सावन कुमार के निर्देश पर यह कार्रवाई हुई. नेतृत्व पुलिस अधीक्षक आरएस शरथ ने किया. उनके साथ एसडीएम इंद्रवीर कुमार, बीडीओ और अन्य अधिकारी मौजूद थे.
करीब चार घंटे तक चले इस अभियान में जिला प्रोग्राम पदाधिकारी शोभा सिन्हा के कार्यालय से भारी मात्रा में नकदी मिली. कंप्यूटर ऑपरेटर चंदन कुमार के पास से भी नकद रुपए बरामद हुए. छापेमारी शुरू होते ही समाहरणालय परिसर में अफरा-तफरी मच गई. कई विभागों के कर्मचारी बाहर निकल आए.
डीएम सावन कुमार ने बताया कि बुधवार को सूचना मिली थी कि आईसीडीएस कार्यालय में नवनियुक्त महिला पर्यवेक्षिकाओं से बहाली के बदले ₹25,000 की अवैध मांग की जा रही है. कहा गया था कि पैसा नहीं देने पर बहाली रद्द कर दी जाएगी. छापेमारी में मिली नकदी से इस सूचना की पुष्टि हुई.
इसके बाद शोभा सिन्हा और चंदन कुमार को गिरफ्तार कर सदर थाना ले जाया गया. वहां कानूनी कार्रवाई शुरू हुई. जानकारी के अनुसार 20 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री के सुपौल दौरे के दौरान 15 महिला पर्यवेक्षिकाओं को नियुक्ति पत्र दिए गए थे. लेकिन योगदान में देरी हो रही थी. गुरुवार को डीपीओ ने इनसे ₹25,000 लाने को कहा था. इसी आधार पर छापा मारा गया. कुछ महिला पर्यवेक्षिकाओं ने पैसा देने की बात मानी.
शोभा सिन्हा पहले भी अनियमितताओं को लेकर चर्चा में थीं. वे सख्त मिजाज और अनुशासन के लिए जानी जाती थीं. उन पर पहले भी कई शिकायतें हुई थीं. लेकिन अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हुई थी. गुरुवार को जब उन्हें साड़ी से चेहरा ढंककर बाहर लाया गया, तो यह दृश्य समाहरणालय परिसर में चर्चा का विषय बन गया.
इस कार्रवाई के बाद चयनित महिला पर्यवेक्षिकाओं और आम लोगों में प्रशासन के प्रति भरोसा बढ़ा है. डीएम सावन कुमार का यह कदम भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त संदेश माना जा रहा है. जिले के लोगों ने अन्य कार्यालयों में भी ऐसे अभियान जारी रखने की मांग की है.
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