पटना : नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि सिन्हा का नाम दो विधानसभा क्षेत्रों में दर्ज है. दोनों जगह उनकी उम्र अलग-अलग है. यह घोटाला एसआईआर के नाम पर हुआ है. तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग इस पर चुप क्यों है. कार्रवाई कब होगी.
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तेजस्वी ने बताया कि विजय सिन्हा का नाम लखीसराय विधानसभा के भाग संख्या 168, बूथ संख्या 231, क्रमांक 274 पर दर्ज है. यहां उनकी उम्र 57 साल है. वहीं बांकीपुर विधानसभा के भाग संख्या 182, बूथ संख्या 405, क्रमांक 757 पर उनकी उम्र 60 साल दर्ज है. दोनों जगह अलग-अलग इपिक नंबर हैं. इससे साफ है कि जानबूझकर गड़बड़ी की गई है.
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तेजस्वी ने कहा कि जब ड्राफ्ट रोल में दोनों जगह नाम है तो जाहिर है कि दोनों जगह उन्होंने एसआईआर फॉर्म पर हस्ताक्षर किए होंगे. अगर नहीं किए तो फिर नाम कैसे दर्ज हुआ. यह चुनाव आयोग की बड़ी चूक है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या उपमुख्यमंत्री ने दोनों जगह वोट डाला. अगर हां, तो यह चुनाव संहिता का उल्लंघन है.
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तेजस्वी ने कहा कि जब वे घर-घर सर्वे के लिए गए तो उपमुख्यमंत्री से भी हस्ताक्षर लिए गए होंगे. ऐसे में यह गड़बड़ी जानबूझकर की गई है. उन्होंने पूछा कि अब तक पटना और लखीसराय प्रशासन ने विजय सिन्हा को नोटिस क्यों नहीं भेजा. जबकि उनके मामले में बिना जांच मीडिया ट्रायल शुरू कर दिया गया.
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तेजस्वी ने कहा कि उन्हें नोटिस की जानकारी मीडिया से मिली. 7 अगस्त की शाम को नोटिस मिला और 8 अगस्त की सुबह स्पीड पोस्ट से भी नोटिस मिला. उसी दिन उन्होंने जवाब भेज दिया. इसके बाद भी मीडिया में खबर आई कि 16 अगस्त तक जवाब देना है. यह लोकतंत्र और संविधान को कमजोर करने की साजिश है.
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तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग ने 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए. इसके बाद भी बूथवार और ऑनलाइन जानकारी नहीं दी गई. उन्होंने कहा कि आयोग कहता है कि कोई आपत्ति नहीं मिली, जबकि राजद ने कई बार शिकायत दी है. उसकी पावती भी पार्टी के पास है.
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तेजस्वी ने कहा कि 7 और 8 अगस्त को बीएलओ और बीएलए की बैठक बुलाई गई. इसकी सूचना बहुत कम समय में दी गई. रक्षाबंधन के दिन बैठक कर खानापूरी की गई. यह सिर्फ 65 लाख मतदाताओं के अधिकार की बात नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की हत्या है.
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तेजस्वी ने कहा कि आयोग ने 24 जून 2025 के आदेश में 2003 के वोटरों का जिक्र किया. क्या 2003 के बाद जुड़े सभी मतदाता फर्जी हैं. आयोग को यह स्पष्ट करना चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोग हर दिन ड्राफ्ट लिस्ट बदल रहा है. पहले नाम से सर्च करना आसान था, अब मुश्किल हो गया है.
तेजस्वी ने कहा कि राहुल गांधी के सवाल उठाने के बाद आयोग ने मतदाता सेवा पोर्टल की पुरानी फाइल हटा दी. इससे साफ है कि आयोग भाजपा के इशारे पर काम कर रहा है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश भी नहीं माने जा रहे हैं.
तेजस्वी ने कहा कि वे लोकतंत्र और बिहार के लोगों के अधिकार की लड़ाई सड़क, सदन और न्यायालय तक ले जाएंगे. एसआईआर के नाम पर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर किया जा रहा है. भाजपा चुनाव आयोग को माध्यम बनाकर मतदाताओं का अधिकार छीनना चाहती है.
इस मौके पर डॉ. सुनील कुमार सिंह, विधायक कारी मोहम्मद सोहैब, शक्ति सिंह यादव, एजाज अहमद और मुकुंद सिंह मौजूद थे.
लेखक परिचय: रंजीत कुमार सम्राट सहारा समय (डिजिटल) के बिहार हेड हैं. 20 साल से बिहार के हर जिले की सियासत पर गहरी नज़र रखते हैं. पिछले दो दशक से बिहार की हर खबर को अलग नजरिये से पाठक को समझाते रहे हैं.
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