राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का शताब्दी वर्ष समारोह पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है. इसी कड़ी में मथुरा के गोवर्धन कस्बे में स्वयंसेवकों द्वारा भव्य पथ संचलन निकाला गया. करीब 300 स्वयंसेवकों ने पूर्ण गणवेश में अनुशासन और राष्ट्रभक्ति का संदेश देते हुए शहर की सड़कों पर ऐतिहासिक दृश्य प्रस्तुत किया.
कहां से कहां तक हुआ संचलन
यह पथ संचलन गोवर्धन की बरसाना रोड स्थित चंद्रा गार्डन से शुरू हुआ. स्वयंसेवकों ने लगभग 2 किलोमीटर की दूरी तय की। संचलन का मार्ग बड़ा बाजार, चकलेश्वर महादेव, दसविसा, सोंख अड्डा और प्रसिद्ध दानघाटी मंदिर से होता हुआ मुरारी कुंज स्कूल तक पहुंचा.
पुष्प वर्षा और जयकारों से हुआ स्वागत
मार्ग में जगह-जगह लोगों ने स्वयंसेवकों का फूल बरसाकर और जयकारों से स्वागत किया. स्थानीय व्यापारियों और निवासियों ने संघ के प्रति अपना सम्मान और उत्साह दिखाया. इस आयोजन ने पूरे शहर में देशभक्ति का माहौल बना दिया.
शस्त्र पूजन और संतों का आशीर्वाद
कार्यक्रम की शुरुआत शस्त्र पूजन और भारत माता की आरती से हुई. संत सियाराम बाबा ने इसकी अध्यक्षता की और स्वयंसेवकों को समाज सेवा और राष्ट्रहित के लिए प्रेरित किया.
पंच परिवर्तन पर जोर
संचलन के समापन पर आयोजित बौद्धिक कार्यक्रम में जिला प्रचारक कुश जी भाई साहब ने स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन किया. उन्होंने राष्ट्रीय एकता, चरित्र निर्माण और समाज सेवा में संघ की भूमिका पर प्रकाश डाला, साथ ही उन्होंने पंच परिवर्तन की महत्ता पर जोर दिया.
पदाधिकारियों की मौजूदगी
इस अवसर पर नगर संचालक बबलू जी, खण्ड कार्यवाह भानू जी, खण्ड प्रचारक अमित जी, नगर कार्यवाह राकेश जी, जिला बौद्धिक प्रमुख बहादुर जी, जिला शारीरिक प्रमुख रामेश्वर जी और प्रचार प्रमुख कान्हा जी सहित कई वरिष्ठ पदाधिकारी उपस्थित रहे.
राष्ट्र उत्थान का संकल्प
समारोह के अंत में स्वयंसेवकों ने शताब्दी वर्ष को सामाजिक समरसता और राष्ट्र उत्थान के रूप में मनाने का संकल्प लिया.
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