गाजियाबाद: दिल्ली यूपी गेट गाजीपुर बॉर्डर पर किसान क्रांति दिवस बड़े उत्साह के साथ मनाया गया. भारतीय किसान यूनियन (BKU) के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम में हवन कराया गया, जिसमें राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शामिल हुए. इस अवसर पर किसानों ने जय जवान, जय किसान के नारे लगाए और करीब 5 घंटे तक यूपी गेट पर मौजूद रहे.
2018 की घटना से जुड़ी परंपरा
किसान क्रांति दिवस की परंपरा वर्ष 2018 की घटना से जुड़ी है, जब हरिद्वार से राजघाट तक किसान तिरंगा यात्रा के दौरान पुलिस ने यूपी गेट पर किसानों को रोक दिया था. उस समय पुलिस द्वारा लाठीचार्ज, वाटर कैनन और आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें कई किसान और पत्रकार घायल हो गए थे, तब से हर साल 2 अक्टूबर को गाजीपुर बॉर्डर पर हवन किया जाता है.
केंद्र सरकार पर निशाना
हवन के बाद हुई पंचायत में राकेश टिकैत ने किसानों को श्रद्धांजलि दी और केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार किसान विरोधी है और इसकी तानाशाही नीतियों का मुकाबला केवल एकजुट आंदोलन से किया जा सकता है. टिकैत ने किसानों से आह्वान किया कि हर घर से एक किसान आंदोलन के लिए तैयार रहना चाहिए.
सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि सरकार की दमनकारी नीतियों से लड़ने का रास्ता केवल एकता और संघर्ष है. टिकैत ने बिहार विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि अगर चुनाव ईमानदारी से हुआ तो BJP को हार का सामना करना पड़ेगा.
NCR और पश्चिमी यूपी से जुटे हजारों किसान
इस मौके पर मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, बागपत, शामली, मुजफ्फरनगर, नोएडा और NCR के विभिन्न जिलों से किसान बड़ी संख्या में पहुंचे. पंचायत में विजेंद्र सिंह, राजपाल शर्मा, महेंद्र सिंह, शमशेर राणा, विपिन चौधरी, बिल्लू प्रधान, बबली त्यागी, ज्ञानेश्वर त्यागी, छोटे चौधरी, प्रवीण मलिक, दिनेश खेड़ा, कुलदीप त्यागी, शशांक त्यागी, नेपाल सिंह, ओमपाल सिंह, नरेश यादव, जयकुमार मलिक और रामकुमार समेत हजारों किसान मौजूद रहे.
किसान क्रांति दिवस का संदेश
यह आयोजन किसानों की एकजुटता और संघर्ष की परंपरा का प्रतीक बन चुका है. राकेश टिकैत और अन्य नेताओं ने साफ संदेश दिया कि किसान अपने अधिकारों और अस्तित्व की लड़ाई के लिए हर हाल में तैयार हैं.
रिपोर्ट- अम्बुज उपाध्याय
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