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फार्मासिस्ट का फर्जीवाड़ा — मरीजों से ठगे हजारों रुपए

खड्डा: सरकारी अस्पतालों में लापरवाही और भ्रष्टाचार की खबरें आम हो चुकी हैं, लेकिन इस बार मामला बेहद चौंकाने वाला है. तुर्कहां स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक फार्मासिस्ट ने डॉक्टर बनकर फर्जी मेडिको लीगल रिपोर्ट तैयार की और मरीजों से खुलेआम वसूली की, ये सब कुछ अस्पताल परिसर के अंदर, सीसीटीवी कैमरों के सामने हुआ.


फार्मासिस्ट मिथिलेश ने डॉक्टर बनकर की वसूली

मामला उस समय सामने आया जब मारपीट में घायल अर्जुन नामक युवक अपने तीन परिजनों के साथ मेडिको लीगल बनवाने के लिए अस्पताल पहुंचा. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर मात्र ₹1 में तीन पर्चियां कटवाईं, लेकिन जैसे ही मेडिकल कराने की बात आई, तो स्टाफ ने बताया कि “डॉक्टर मिथिलेश देखेंगे.”

खोजबीन में परिजनों को पता चला कि मिथिलेश डॉक्टर नहीं बल्कि अस्पताल के फार्मासिस्ट हैं। इसके बावजूद वही मरीजों की मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर रहा था और इतना ही नहीं, मिथिलेश ने प्रत्येक मरीज से ₹500 प्रति रिपोर्ट के हिसाब से रुपए वसूलने की मांग भी की.


स्टोर रूम में चल रहा था फर्जी मेडिकल का खेल

फार्मासिस्ट मिथिलेश ने पीड़ितों को लेकर अस्पताल के स्टोर रूम में पहुंचाया. वहीं बैठकर उसने तीनों मरीजों के नाम नोट किए और फर्जी मेडिको लीगल रिपोर्ट तैयार करना शुरू किया, परिजनों ने जब फीस पूछी तो उसने कहा, “₹500 प्रति मरीज, लेकिन अगर चाहें तो थोड़ा कम दे दीजिए.” तीनों मरीजों से कुल ₹600 रुपए की वसूली की गई और फिर रिपोर्ट तैयार करने का नाटक शुरू हो गया.


डॉक्टर मौजूद, CCTV ऑन – फिर भी हुआ खेल!

सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. पारसनाथ गुप्ता खुद अस्पताल में मौजूद रहते है, और परिसर में जगह-जगह CCTV कैमरे लगे हुए हैं, तो फार्मासिस्ट मिथिलेश कैसे डॉक्टर बनकर फर्जी रिपोर्ट तैयार करता रहा. क्या यह सब अस्पताल प्रशासन की जानकारी में नहीं था, या फिर अंदरखाने किसी की मौन स्वीकृति से ये सब संभव हुआ


जांच के आश्वासन से नहीं चलेगा मामला

फिलहाल मामले की चर्चा पूरे इलाके में है, लेकिन लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस भ्रष्टाचार पर सख्त कार्रवाई होगी या फिर हमेशा की तरह मामला फाइलों में दबकर रह जाएगा. अस्पताल के अंदर जब फार्मासिस्ट ही कानून और मेडिकल एथिक्स की धज्जियां उड़ाने लगे, तो फिर मरीज आखिर न्याय और ईमानदारी की उम्मीद किससे करें.


स्थानीय लोगों ने की कार्रवाई की मांग

स्थानीय नागरिकों और मरीजों के परिजनों ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) कुशीनगर से इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच और कठोर कार्रवाई की मांग की है, लोगों का कहना है कि अगर CCTV फुटेज की जांच की जाए, तो पूरा खेल सामने आ जाएगा.

रिपोर्ट- आनन्द सिंह/खड्डा

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