हमीरपुर: डंके की चोट पर धड़ल्ले से सड़कों पर फर्राटा भर रहे ओवरलोड वाहन और भारी भरकम प्रतिबंधित पोकलैंड मशीनों का नदी की जलधारा से मौरंग निकालने का वीडियो हर दिन सोशल मीडिया वायरल हो रहा है। इन सभी सूचनाओं और खबरों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवैध खनन, ओवरलोड, बिना रॉयल्टी व नंबर प्लेट छिपाकर दौड़ रहे वाहनों पर लगाम लगाने के लिए सख्ती से निपटने के आदेश दिए गए हैं।
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जिसके बाद जिलाधिकारी का चाबुक निरंतर चल रहा है। रात रातभर चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। निरंतर कार्रवाई के बाद भी दूसरे दिन उससे अधिक वाहन अवैध परिवहन करते पाए जाते हैं। जिसके बाद अब बीच का रास्ता निकालने हुए रसूखदारों की मंडी खत्म करने का उपाय सोचा गया है, ताकि शासन प्रशासन का इकबाल बना रहे। दूसरी ओर अब ये लगने लगा है कि जल्द ही मौरंग खदानों में धरती का सीना चीरने वाली पोकलैंड मशीनों के लिए भी जल्द ही कोई नियम बनाया जाएगा।
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बिना जीपीएस नहीं मिलेगी एमएस 11 :
इन्ही सब बातों को ध्यान में रखते हुए भूतत्व एवं खनिकर्म निदेशक माला श्रीवास्तव ने खनिज परिवहन करने वाले वाहनों पर जीपीएस लगाना अनिवार्य कर दिया है। खनिज परिवहन करने वाले वाहनों में अब जीपीएस लगाना अनिवार्य होगा। यह एक सरकारी पहल है जिसका उद्देश्य अवैध खनन पर अंकुश लगाना और परिवहन में पारदर्शिता लाना है। अब उन वाहनों को ही उपखनिज परिवहन के लिए ई-एमएम-11 प्रपत्र जारी किए जाएंगे जिन पर एआईएस-140 जीपीएस डिवाइस लगा होगा और जो विभागीय पोर्टल पर पंजीकृत होंगे। इसके साथ ही विभागीय पोर्टल पर डिवाइस का पंजीकरण कराना भी अनिवार्य होगा।
यदि गाड़ी में जीपीएस सिस्टम नहीं लगा है और उसका पंजीकरण नहीं किया गया है तो एमएम 11 प्रपत्र जारी नहीं किए जाएंगे। यह अवैध खनन और उप-खनिजों की गैरकानूनी ढुलाई को रोकने में भी मददगार होगा। जिला खनन अधिकारी विकास परमार ने ने कहा, यह गाड़ी ट्रैकिंग सिस्टम खनन नियमों के उल्लंघन से जुड़ी लगभग सभी समस्याओं को हल कर देगा। उन्होंने आगे कहा, हर गाड़ी के रास्ते और उसकी गतिविधि को रियल टाइम में रिकॉर्ड किया जाएगा, जिससे विभाग और खनन संचालकों दोनों को फायदा होगा।
रिपोर्ट-नीरज मिश्रा, हमीरपुर

























