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अहोई अष्टमी पर राधाकुंड में उमड़ा श्रद्धा का जनसैलाब!

अहोई अष्टमी के पावन अवसर पर मथुरा के गोवर्धन स्थित राधाकुंड और श्यामकुंड में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है. संतान प्राप्ति की कामना से देशभर से आए हजारों श्रद्धालु भक्त कुंडों में पवित्र स्नान कर रहे हैं, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर होने वाला यह स्नान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है.

अहोई अष्टमी का महत्व — रात्रि 12 बजे का स्नान माना जाता है विशेष
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अहोई अष्टमी की मध्यरात्रि (रात 12 बजे) राधाकुंड और श्यामकुंड के संगम में स्नान करने से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है. इसी श्रद्धा के चलते आज हजारों की संख्या में महिलाएं और दंपती राधाकुंड पहुंचे हैं. वातावरण भक्ति, मंत्रोच्चारण और राधा-कृष्ण के जयघोष से गूंज उठा है.

पूजा और संकल्प की पवित्र परंपरा
कुंड स्नान से पहले दंपतियों द्वारा विशेष पूजन और कठोर व्रत किया जाता है. महिलाएं यह व्रत निर्जला (बिना जल ग्रहण किए) रखती हैं. स्नान के उपरांत दंपती एक विशेष फल या सब्जी का त्याग (संकल्प) करते हैं, जिसे वे तब तक नहीं खाते जब तक उनकी संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी नहीं हो जाती, यह संकल्प श्रद्धा और विश्वास की अटूट परंपरा का प्रतीक माना जाता है.

सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के कड़े इंतजाम किए हैं, पूरे मेला क्षेत्र को सुपर जोन, जोन और सेक्टरों में बांटा गया है, यहां पुलिस बल, पीएसी जवानों और गोताखोरों की तैनाती की गई है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो. प्रशासन ने श्रद्धालुओं से शांति और अनुशासन बनाए रखने की अपील की है.

स्थानीय श्रद्धालु बोले — राधा रानी करती हैं हर मनोकामना पूरी
राधाकुंड निवासी कृष्ण मुरारी भारद्वाज ने बताया — “राधाकुंड में आज हजारों भक्त पहुंचे हैं। रात 12 बजे विशेष स्नान होगा, जो भी सच्चे मन से राधा रानी से प्रार्थना करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है. विशेष रूप से निसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है.” जैसे-जैसे रात्रि 12 बजने को हैं, राधाकुंड का माहौल भक्ति और आस्था के रंग में पूरी तरह डूब चुका है। दीपों की रोशनी, मंत्रों की गूंज और श्रद्धालुओं की भीड़ इस पवित्र स्थल को दिव्य वातावरण में बदल रही है.

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