खड्डा तहसील क्षेत्र के दो ब्लॉक — खड्डा और नौरंगिया, तथा दो नगर पंचायत — खड्डा और छितौनी — में इन अवैध अस्पतालों का बोलबाला है. आए दिन इलाज के दौरान मरीज की मौत या फर्जी ऑपरेशन की खबरें सामने आती हैं, लेकिन विभाग अब तक इन पर सख्त कार्रवाई नहीं कर पाया है.
केवल कुछ अस्पताल ही पंजीकृत, बाकी चल रहे बिना अनुमति
जानकारी के मुताबिक, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र तुर्कहा-खड्डा के अंतर्गत सिर्फ 4 प्राइवेट अस्पताल, पैथालॉजी और अल्ट्रासाउंड सेंटर ही पंजीकृत हैं. वहीं, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नेबुआ नौरंगिया के अंतर्गत 10 अस्पताल रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 1 अस्पताल सील भी किया जा चुका है. इसके बावजूद क्षेत्र में दर्जनों अवैध अस्पताल बिना किसी अनुमति के चल रहे हैं. ये अस्पताल इलाज के नाम पर ग्रामीणों से मोटी रकम वसूलते हैं, और गंभीर स्थिति में मरीजों की जान जोखिम में डाल देते हैं.
सीएमओ ने जारी किए नोटिस, 10 दिन में मांगी रिपोर्ट
मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन अब सक्रिय हो गया है. मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) कुशीनगर, डॉ. चंद्रप्रकाश ने बताया कि खड्डा और नौरंगिया क्षेत्र में संचालित सभी अवैध अस्पतालों को नोटिस जारी कर दिए गए हैं. अस्पताल संचालकों को सभी आवश्यक मानकों को पूरा करने के लिए 10 दिन का समय दिया गया है.
सीएमओ ने स्पष्ट चेतावनी दी
“यदि तय समय सीमा के बाद भी कोई अस्पताल नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसके खिलाफ सख्त विधिक कार्यवाही की जाएगी.”
अब कार्रवाई पर टिकी हैं निगाहें
स्वास्थ्य विभाग की यह सख्ती कितना असर दिखा पाएगी, यह देखना बाकी है, स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार पहले भी ऐसी कार्रवाई की घोषणाएं हुईं, लेकिन अवैध अस्पतालों का कारोबार यथावत चलता रहा. अब जनता को उम्मीद है कि इस बार प्रशासन सच में ठोस कदम उठाएगा ताकि फर्जी इलाज का यह धंधा बंद हो सके और मरीजों की जान सुरक्षित रहे.
रिपोर्ट- आनन्द सिंह/खड्डा
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