साहिबाबाद/गाजियाबाद। अंबे हॉस्पिटल, लाजपत नगर में भर्ती महिला की सोने की चीज़ चोरी होने के आरोप के बाद सोमवार को अस्पताल परिसर में हंगामा खड़ा हो गया। पीड़ित परिवार के समर्थन में उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के अस्पताल के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और थाना साहिबाबाद पुलिस से आरोपों की निष्पक्ष जांच कर पीड़ित को न्याय दिलाने की मांग की। इस घटना ने क्षेत्र में निजी अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था और मरीजों के प्रति व्यवहार पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
थाना टीला मोड़ निवासी सिराज ने आरोप लगाया कि 9 दिसंबर 2025 की सुबह लगभग 6 बजे वह अपनी पत्नी रहीसा को इलाज के लिए अंबे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे। सिराज के मुताबिक उनकी पत्नी को भर्ती करते समय अस्पताल के स्टाफ द्वारा उनके कानों में पहनी हुई सोने की चीज गायब कर दी गई। सिराज का कहना है कि घटना के तुरंत बाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की, लेकिन वहां मौजूद कर्मचारियों ने न सिर्फ उनकी बात अनसुनी की बल्कि कथित रूप से उनसे अभद्र भाषा में बात कर उन्हें अस्पताल से बाहर जाने के लिए कहा।
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पीड़ित सिराज ने बताया, “मुझे पूरा यकीन है कि मेरी पत्नी की सोने की चीज अस्पताल के ही कर्मचारियों ने चोरी की है। जब हमने इस संबंध में जानकारी मांगी तो कर्मचारियों ने बदसलूकी कर भगा दिया।” सिराज ने मामले की शिकायत थाना साहिबाबाद में दर्ज करा दी है और अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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घटना की जानकारी मिलते ही उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस के महासचिव अकबर चौधरी अपने दल के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से बातचीत की और अस्पताल प्रबंधन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि मरीजों की सुरक्षा और सम्मान से खिलवाड़ बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने पुलिस प्रशासन से इस मामले में तत्काल और निष्पक्ष जांच की मांग की।
अकबर चौधरी ने कहा कि यह सिर्फ एक परिवार का मामला नहीं, बल्कि अस्पतालों में बढ़ती लापरवाही और मनमानी का उदाहरण है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पीड़ित को न्याय नहीं मिला तो कांग्रेस इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाएगी।
विरोध प्रदर्शन के दौरान कई स्थानीय और पार्टी पदाधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्य रूप से सेवादल जिला अध्यक्ष कांग्रेस पंडित सुनील शर्मा, अन्य कार्यकर्ताओं ने भी पीड़ित परिवार के समर्थन में आवाज उठाई। सभी नेताओं ने अस्पताल प्रबंधन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की।
प्रदर्शन के दौरान नेताओं ने कहा कि निजी अस्पतालों को इलाज के नाम पर मरीजों और उनके परिजनों का शोषण करने का कोई अधिकार नहीं है। यदि अस्पताल की लापरवाही और चोरी में संलिप्तता साबित होती है तो उस पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।
वहीं, पुलिस का कहना है कि पीड़ित द्वारा दी गई शिकायत प्राप्त हो चुकी है और मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने आश्वासन दिया है कि यदि अस्पताल स्टाफ की किसी भी तरह की संलिप्तता पाई जाती है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
घटना के बाद से क्षेत्र में लोगों में आक्रोश है। मरीजों के साथ इस प्रकार के व्यवहार और सुरक्षा की कमी को देखते हुए स्थानीय लोग अस्पतालों की जवाबदेही तय करने की मांग कर रहे हैं।
फिलहाल पुलिस जांच जारी है और पीड़ित परिवार को न्याय मिलने की उम्मीद बनी हुई है।
रिपोर्ट-फारूक सहारा समय























