बारिश के बाद गाजियाबाद में डेंगू के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ती ही रही है, जिससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है. पिछले कुछ दिनों में कई मरीजों की मौत भी हुई है, जिनमें बच्चे और बुजुर्ग शामिल हैं. एमएमजी जिला अस्पताल और अन्य अस्पतालों में लगातार डेंगू मरीज भर्ती हो रहे हैं.
78 तक पहुँची मरीजों की संख्या
गुरुवार को 2 नए डेंगू मरीज सामने आए, जिसके बाद गाजियाबाद में कुल संख्या 78 तक पहुंच गई. स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 3 दिनों में ही 27 से ज्यादा नए मरीज मिले हैं. इस समय 7 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं.
मौतों से बढ़ी चिंता
1. विजयनगर निवासी 33 वर्षीय रवि की तेज बुखार से मौत हो गई.
2. हिंडन विहार की 12 वर्षीय इकरा ने एमएमजी अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
3. डासना निवासी जोया की भी संयुक्त अस्पताल में भर्ती होने के कुछ ही देर बाद मौत हो गई.
4. वहीं, एमएमजी अस्पताल में 57 वर्षीय देवेंद्र कुमार की बुखार और सीवियर एनीमिया की वजह से जान चली गई. इन घटनाओं के बाद स्वास्थ्य विभाग अलर्ट पर है.
युवाओं में डेंगू का खतरा बढ़ा
जिला एमएमजी अस्पताल में फिलहाल 5 गंभीर मरीज भर्ती हैं, जिनके प्लेटलेट्स बेहद कम हैं. मुरादनगर के 15 वर्षीय इकबाल के प्लेटलेट्स 30,000 से कम. 36 वर्षीय शशि के प्लेटलेट्स 20,000 से कम. विवेकानंद नगर निवासी 18 वर्षीय अतुल के प्लेटलेट्स 32,000. अर्थला मोहन नगर के 18 वर्षीय आलम के प्लेटलेट्स भी 20,000 से कम. डॉक्टरों के मुताबिक, एक स्वस्थ व्यक्ति में 1.5 लाख से 4.5 लाख तक प्लेटलेट्स होनी चाहिए. कम प्लेटलेट्स यह दिखाते हैं कि डेंगू अब युवाओं में ज्यादा सक्रिय हो रहा है.
मच्छरजनित रोगों पर कार्यशाला
गाजियाबाद एमएमजी अस्पताल में चिकनगुनिया, डेंगू और मलेरिया पर कार्यशाला आयोजित की गई. डॉक्टरों ने बताया कि समय पर पहचान और सही इलाज से इन बीमारियों की गंभीरता को रोका जा सकता है. चिकित्सकों ने अपील की कि लोग साफ-सफाई रखें, मच्छरों से बचाव करें और शुरुआती लक्षण दिखते ही तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
NHRC टीम करेगी निरीक्षण
स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए NHRC की टीम 15 सितंबर को गाजियाबाद के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का निरीक्षण करेगी. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग तैयारियों में जुटा है.
स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति चिंताजनक
हालांकि, गाजियाबाद स्वास्थ्य विभाग की हालत चिंताजनक है. कई स्वास्थ्य केंद्रों पर ताले लटकते रहते हैं और स्टाफ की कमी भी देखने को मिलती है. ऐसे में लोगों का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री को इस पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए.
ये भी पढ़ें: ऑपरेशन मजनू: लड़की छेड़ा, तुरंत जेल, नहीं मिली बेल