एटा: सरकारी मेडिकल कॉलेज में स्वास्थ्य नियमों की धज्जियां उड़ीं. दिसंबर 2024 में एक्सपायर हुआ लाइसेंस फिर भी लगातार मरीजों को चढ़ाया जा रहा ब्लड. नोडल अधिकारी बोले “फाइल देखकर बताऊंगा”.
जिला मुख्यालय स्थित वीरांगना अवंतीबाई लोधी मेडिकल कॉलेज, जिसे करोड़ों की लागत से जनता के स्वास्थ्य हित में बनाया गया था, वहां अब एक चौंकाने वाला और गंभीर मामला सामने आया है। कॉलेज का ब्लड बैंक पिछले 11 महीने से बिना वैध लाइसेंस के संचालित हो रहा है। दिसंबर 2024 में इसका लाइसेंस समाप्त हो चुका था, लेकिन तब से लेकर अब तक मरीजों को लगातार रक्त चढ़ाया जा रहा है। यह न केवल कानूनी रूप से अपराध है, बल्कि मरीजों की जान से सीधा खिलवाड़ भी है।

लाइसेंस दिसंबर 2024 में हुआ एक्सपायर — फिर भी जारी रही ब्लड की सप्लाई
स्वास्थ्य विभाग के स्पष्ट दिशा-निर्देश हैं कि कोई भी ब्लड बैंक वैध लाइसेंस के बिना संचालित नहीं हो सकता। लाइसेंस के नवीनीकरण के बाद ही रक्त एकत्र करना, सुरक्षित रखना और मरीजों को देना अधिकृत होता है। लेकिन वीरांगना अवंतीबाई मेडिकल कॉलेज का ब्लड बैंक दिसंबर 2024 में एक्सपायर हो गया था। इसके बाद भी कॉलेज प्रशासन ने न तो संचालन बंद किया, न ही जनता को इसकी जानकारी दी। यानि बीते 11 महीने से बिना लाइसेंस के ब्लड चढ़ाया जा रहा है, और मरीजों की जान को गंभीर जोखिम में डाला जा रहा है।
नोडल अधिकारी का गैरजिम्मेदाराना जवाब — “फाइल देखकर बताऊंगा”
जब सहारा समय न्यूज़ ने इस पूरे मामले पर कॉलेज ब्लड बैंक के नोडल अधिकारी डॉ. जोगिंदर सिंह से बात की, तो उन्होंने बताया — “ब्लड बैंक का लाइसेंस 2 सितंबर 2025 को रिन्यूअल के लिए भेजा गया है।” लेकिन जब संवाददाता ने पूछा कि लाइसेंस आखिर कब एक्सपायर हुआ था, तो उन्होंने स्पष्ट जवाब देने के बजाय कहा , “यह तो मुझे फाइल देखकर बताना पड़ेगा।”
ऐसा जवाब किसी छोटे संस्थान का नहीं, बल्कि राज्य सरकार के मेडिकल कॉलेज के अधिकारी का है! जिस अधिकारी को यह तक नहीं पता कि उनके ब्लड बैंक का लाइसेंस कब समाप्त हुआ, वह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि मरीजों को सुरक्षित और जांचा-परखा रक्त मिल रहा है?
कानून कहता है — बिना लाइसेंस ब्लड बैंक चलाना अपराध
स्वास्थ्य मंत्रालय के नियमों के अनुसार, बिना वैध लाइसेंस किसी भी संस्थान द्वारा ब्लड बैंक चलाना दंडनीय अपराध है।
राज्यभर में अब तक अनेक निजी ब्लड बैंक इसी कारण सील किए जा चुके हैं।
लेकिन सवाल यह उठता है कि —
➡ क्या सरकारी मेडिकल कॉलेजों पर ये नियम लागू नहीं होते?
➡ अगर यहां बिना लाइसेंस ब्लड बैंक चल सकता है, तो निजी संस्थानों पर कार्रवाई क्यों?
➡ क्या कानून केवल आम जनता के लिए है और सरकारी संस्थान इसके ऊपर हैं?
ब्लड डोनेशन कैंप से लिया जा रहा ब्लड — बिना वैध अनुमति के इस्तेमाल
सूत्रों के अनुसार, कॉलेज प्रशासन समय-समय पर ब्लड डोनेशन कैंप आयोजित कर रक्त एकत्र करता है। लेकिन जब ब्लड बैंक का लाइसेंस ही समाप्त हो चुका है, तो ऐसे रक्त का संग्रहण और उपयोग दोनों ही अवैध हैं।
यह न केवल नियमों की अवहेलना है बल्कि ब्लड से जुड़ी सुरक्षा प्रक्रियाओं का घोर उल्लंघन है। यदि इस दौरान किसी मरीज को संक्रमण या स्वास्थ्य हानि होती है, तो इसकी पूरी जिम्मेदारी कॉलेज प्रशासन और नोडल अधिकारी पर आएगी।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की भूमिका संदिग्ध
मामले का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों की चुप्पी बरकरार है। जिला मुख्यालय पर संचालित हो रहे इस मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक की स्थिति से क्या वाकई जिम्मेदार अधिकारी अनजान हैं, या फिर जानबूझकर इस गंभीर लापरवाही पर आंखें मूंदे हुए हैं?
जनता और सामाजिक संगठनों की मांग — तत्काल जांच व कार्रवाई
स्थानीय नागरिकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और चिकित्सा विशेषज्ञों ने मांग की है कि —
- वीरांगना अवंतीबाई मेडिकल कॉलेज के ब्लड बैंक की तत्काल जांच कराई जाए।
- बिना लाइसेंस संचालन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज की जाए।
- ब्लड बैंक की कार्यप्रणाली की स्वतंत्र ऑडिट टीम से जांच कराई जाए।
क्योंकि यह मामला सिर्फ प्रशासनिक चूक नहीं, बल्कि जनता की जिंदगी से जुड़ा आपराधिक कृत्य है।
शादी से पहले जान लें अपने पार्टनर की ये 5 सोच, वरना हो सकती है बड़ी गलती!
गलत Relationship में रहना प्यार नहीं, खुद को धीरे-धीरे तोड़ना है
सहारा समय न्यूज़ की अपील
सरकार से सहारा समय न्यूज़ की स्पष्ट मांग है कि —
➡ वीरांगना अवंतीबाई मेडिकल कॉलेज एटा में चल रहे इस “खून के खेल” पर तुरंत संज्ञान लिया जाए।
➡ ब्लड बैंक के सभी दस्तावेजों, रिन्यूअल प्रक्रिया और रक्त उपयोग की जांच की जाए।
➡ जिन अधिकारियों की लापरवाही से मरीजों की जान जोखिम में पड़ी है,
उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाए।
सहारा समय न्यूज़ की पड़ताल जारी है हम जनता के स्वास्थ्य और अधिकारों की लड़ाई जारी रखेंगे।
“खून का ये कारोबार नहीं चलेगा — जनता के जीवन से खिलवाड़ अब बर्दाश्त नहीं।”
एटा से सहारा समय के लिए करन प्रताप सिंह की रिपोर्ट

























