हिन्दू धर्म के प्राचीन और आदि शंकराचार्य जी द्वारा प्रतिष्ठित पीठों में से एक कांची कामकोटि पीठ के तत्वावधान में सनातन धर्म और मंदिरों के संरक्षण एवं संवर्धन के विषय पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया .
इस अवसर पर हिंदू श्री फाउंडेशन का तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल जिसमे डॉ कौशल कांत मिश्रा जी , सुहानी मिश्रा और डॉ विनय पाठक परमपूज्य श्री शंकराचार्य श्री शंकर विजेन्द्र सरस्वती श्री कांची कामकोटि पीठाधीश्वर से मिला और भविष्य की कार्ययोजना पर विस्तार से चर्चा की . बैठक में सनातन धर्म की रक्षा, मंदिरों के संरक्षण एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण को लेकर ठोस पहल पर सहमति बनी . परमपूज्य श्री शंकराचार्य श्री शंकर विजेन्द्र सरस्वती जी ने हिंदू श्री फाउंडेशन के द्वारा शुरू की गयी पहल की सराहना करते हुए इस दिशा में अपना मार्ग दर्शन देने का आश्वासन दिया .
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बैठक के प्रमुख बिंदु:
धर्म रक्षति रक्षितः” अर्थात “जो धर्म की रक्षा करता है, धर्म उसकी रक्षा करता है”
इसी ध्येय के साथ सनातन मंदिर और उनकी प्राचीन परम्परा को केन्द्र में रखते हुए इस अभियान को “ मंदिर रक्षति रक्षित:” स्वीकार किया गया जो हिंदू श्री फाउंडेशन का मूल मंत्र है .
निम्नलिखित बिंदुओं पर विचार और सहमति बनी:
- तमिलनाडु सहित देशभर में बंद हो रहे प्राचीन मंदिरों के पुनर्जागृती एवम जीर्णोद्धार, हेतु सामाजिक एवं कानूनी स्तर पर ठोस कार्यवाही की आवश्यकता .
- यह सुनिश्चित करना कि मंदिरों की आय केवल मंदिरों, शिक्षा और सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में ही व्यय हो, अन्य सरकारी कार्यों में नहीं .
- नई शिक्षा नीति के अंतर्गत प्राचीन संस्कृति और सांस्कृतिक शिक्षा प्रणाली को विद्यालयों में शामिल करने और इंडियन नॉलेज सिस्टम (IKS) को बढ़ावा देने पर बल .
- संस्कृति और परंपरा से जुड़े विषयों को रोजगारपरक बनाने पर जोर .
- मेडिकल काउंसिल की तर्ज पर सनातन काउंसिल का गठन—गांव, जिला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक . यह परिषद हिंदू धर्म से जुड़े सभी मूल मुद्दों पर निर्णय लेगी, ताकि किसी भी न्यायालय में व्याख्या से पहले सनातन धर्म की मान्यताओं और दृष्टिकोण को स्पष्ट किया जा सके .
- भारतीय लोकतंत्र में संसद, न्यायपालिका और कार्यपालिका के बीच शक्ति-विभाजन की तरह धर्म को भी एक स्वतंत्र स्तंभ के रूप में स्वीकार करने की आवश्यकता . संविधान की मूल भावना के अनुसार भी धर्म को अलग धुरी माना जाता है
वार्षिक सम्मेलन:
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तिरुपति में आयोजित वार्षिक सम्मेलन में परमपूज्य श्री शंकराचार्य श्री शंकर विजेन्द्र सरस्वती जी की उपस्थिति में हिन्दू श्री फाउंडेशन के संस्थापक डॉ कौशल कांत मिश्रा जी और अन्य सदस्यों ने समानत मंदिरों और उससे जुड़े ज्वलंत मुद्दों का डिटेल प्रेजेंटेशन दिया .
इसमें सनातन धर्म से जुड़ी चुनौतियों, उनके कारणों और संभावित समाधानों पर विस्तृत चर्चा शंकराचार्य जी से हुई . सम्मेलन में उपस्थित आचार्यों और पुजारियों ने फाउंडेशन के प्रयासों का पूर्ण समर्थन किया . इस दौरान यह भी निर्णय लिया गया की
- मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराने हेतु देशव्यापी संस्था का गठन हो .
- इस संस्था के माध्यम से गांव-गांव के मंदिरों से लेकर देश के प्रमुख मंदिरों को एक सूत्र में जोड़ने का संकल्प हो .
- न्यायालयों में लंबित हिंदू आस्था से जुड़े मामलों में हिंदू श्री फाउंडेशन द्वारा सनातन धर्म का पक्ष रखने का आग्रह .
याचिका आचार्य परंपरा को पुनर्विकसित करने हेतु कार्य योजना पर कार्य शुरू करने के प्रथम चरण में पाँच राज्यो- दिल्ली ,हरियाणा ,पंजाब , जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश ; का चयन किया गया
हिन्दू श्री फाउंडेशन का ऑफिशियल वेबसाइट लॉन्च:
इस अवसर पर हिंदू श्री फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट का लोकार्पण परमपूज्य श्री शंकराचार्य श्री शंकर विजेन्द्र सरस्वती जी के करकमलों से संपन्न हुआ . इस वेबसाइट का उद्देश्य:
सनातन मंदिरों से संबंधित प्रामाणिक जानकारी उपलब्ध कराना .
मंदिरों के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में समाज को जोड़ना .
॰ भारत ही नहीं, बल्कि विश्वभर के मंदिरों से जुड़ी जानकारी और समस्याओं को हिंदू समाज तक पहुँचाना