मथुरा: ब्रजवासियों के आराध्य ठाकुर श्री बांके बिहारी जी महाराज का 482वां प्राकट्योत्सव कल 25 नवंबर को बड़े धूमधाम और भक्तिभाव के साथ मनाया जाएगा. ब्रज में इस विशेष पर्व को साधारण भाषा में जन्मोत्सव कहा जाता है, जबकि ब्रजवासी इसे “बिहार पंचमी” अथवा “प्राकट्योत्सव” के रूप में मनाते हैं. पूरे वृंदावन में इस उत्सव की रौनक अभी से दिखाई दे रही है.
निधिवन और बांके बिहारी मंदिर में भव्य तैयारियां
वृंदावन के निधिवन राज मंदिर और बांके बिहारी मंदिर प्राकट्योत्सव की तैयारियों में पूरी तरह रंगे हुए हैं, मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है, विशेषत: सजावट के लिए बाहर से रंग-बिरंगे फूल मंगवाए गए हैं. चारों ओर भजन-कीर्तन की ध्वनि से माहौल भक्तिमय हो उठा है. देश-विदेश से लाखों भक्त अपने आराध्य के उत्सव में शामिल होने के लिए वृंदावन पहुंच रहे हैं, जिससे धार्मिक नगरी में असाधारण चहल-पहल देखने को मिल रही है.
सुबह 4 बजे होगा महाभिषेक
उत्सव की शुरुआत सुबह 4:00 बजे होगी. प्राकट्य स्थली, निधिवन मंदिर परिसर के प्राकृतिक स्थल पर ठाकुर बांके बिहारी महाराज का महाभिषेक संपन्न कराया जाएगा, यह अभिषेक पंचामृत—दूध, दही, घी, शहद और बूरा—से किया जाएगा, जो अत्यंत शुभ एवं मंगलकारी माना जाता है. महाभिषेक के बाद भजन, मंगलाचरण और दर्शन के लिए भक्तों की बड़ी भीड़ उमड़ने की संभावना है.
भव्य शोभायात्रा होगा मुख्य आकर्षण
उत्सव का मुख्य आकर्षण होगा सुबह 9:00 बजे निकाली जाने वाली भव्य शोभायात्रा, स्वामी हरिदास जी की परंपरा के अनुसार, यह शोभायात्रा निधिवन मंदिर से प्रारंभ होकर बांके बिहारी मंदिर तक पहुंचेगी, इस दौरान भक्तगण नाचते-गाते, बधाई गाते और ठाकुर जी के जयकारे लगाते हुए आगे बढ़ेंगें, रास्ते में फूलों की वर्षा और भक्ति की उमंग का विशेष नजारा देखने को मिलेगा.
भक्ति और परंपरा का अद्भुत संगम
यह उत्सव ब्रज की समृद्ध भक्ति परंपरा और स्वामी हरिदास जी द्वारा ठाकुर जी के प्राकट्य की चमत्कारी लीला का स्मरण कराता है. भक्तों के बीच इस उत्सव का विशेष महत्व है, क्योंकि यह प्रेम, समर्पण और भक्ति के अद्वितीय मिलन का प्रतीक माना जाता है.
भीड़ प्रबंधन के लिए किए गए पुख्ता इंतजाम
अत्यधिक भीड़ को देखते हुए प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने सुरक्षा एवं भीड़ नियंत्रण के लिए विशेष व्यवस्था की है. पुलिस बल की तैनाती, बैरिकेडिंग और मेडिकल सुविधाओं के साथ पूरे क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की गई है, ताकि श्रद्धालु बिना किसी समस्या के अपने आराध्य के दर्शन कर सकें.
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