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बजरंग दल ने विजयदशमी पर शस्त्र पूजन कर जताई शक्ति और साहस की भावना

विजयदशमी के पावन अवसर पर मुरादाबाद के कटघर थाना क्षेत्र स्थित संकट मोचन पार्क में अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल द्वारा भव्य शस्त्र पूजन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में कार्यकर्ताओं ने पारंपरिक तरीके से अपने शस्त्रों की पूजा-अर्चना की और समाज में धर्म और संस्कृति की रक्षा का संकल्प लिया. शस्त्र पूजन के बाद संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने शक्ति और साहस का संदेश भी दिया.

विजयदशमी पर शस्त्र पूजन का महत्व
विजयदशमी के दिन शस्त्र पूजा का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने रावण का वध करने से पहले अपने शस्त्रों की पूजा की थी. शस्त्र पूजा शक्ति और साहस का प्रतीक मानी जाती है, जिससे व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने में सक्षम होता है.

शस्त्र पूजन की विधि
शस्त्र पूजन के लिए सबसे पहले शस्त्रों को साफ कर गंगाजल से पवित्र किया जाता है, इसके बाद शस्त्रों पर मौली बांधकर तिलक किया जाता है और फूलों की माला अर्पित की जाती है. पूजन के दौरान भगवान राम और मां काली के मंत्रों का जाप भी किया जाता है.

विजयदशमी का संदेश
विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है. यह हमें शक्ति और साहस का संदेश देता है और अपने अंदर की क्षमता को जागृत करने का अवसर देता है, इस दिन शस्त्र पूजा कर हम समाज में धर्म और संस्कृति की रक्षा करने का संकल्प भी ले सकते हैं.

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