हसनपुर: अमरोहा जनपद से एक दुखद खबर सामने आई है, समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री कमाल अख्तर के वालिद कामरेठ नफीसुद्दीन का सोमवार की सुबह इंतकाल हो गया. 92 वर्ष की आयु में उन्होंने ग्रेटर नोएडा के कैलाश हॉस्पिटल में अंतिम सांस ली, उनके निधन की खबर से पूरे इलाके में गहरा रंजो-गम फैल गया है.
कामरेठ नफीसुद्दीन सपा के राष्ट्रीय सचिव एवं कांठ विधानसभा के विधायक कमाल अख्तर के पिता थे, राजनीति से दूर रहकर भी उन्होंने हमेशा समाजसेवा को प्राथमिकता दी. उझारी नगर पंचायत के गठन से पहले वे दो बार ग्राम प्रधान रहे और बाद में नगर पंचायत के चेयरमैन भी बने. उनकी छवि एक साफ-सुथरे और ईमानदार नेता की रही.
इलाके में उन्हें प्यार से ‘हिटलर’ कहा जाता था — कारण, उनकी सख्त प्रशासनिक शैली और न्यायप्रिय स्वभाव, वे गरीबों के मसीहा माने जाते थे और हमेशा कमजोर वर्ग की आवाज को बुलंद करते रहे। लोगों का कहना है कि वे सच्चाई कहने से कभी नहीं डरते थे, चाहे सामने कोई भी बड़ा अधिकारी क्यों न हो. कामरेठ नफीसुद्दीन के तीन बेटे और तीन बेटियां हैं, उनके एक बेटे बिलाल अख्तर का पहले ही इंतकाल हो चुका था.
बड़े बेटे जमाल अख्तर और कमाल अख्तर इस समय पारिवारिक दायित्व संभाल रहे हैं, उनके निधन की खबर मिलते ही उझारी स्थित आवास पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक संगठनों के लोग उन्हें अंतिम श्रद्धांजलि देने पहुंच रहे हैं. बताया जा रहा है कि जनाजा दोपहर तक उझारी पहुंचेगा, और जनाजे की नमाज रात 8 बजे ईशा की नमाज के बाद अदा की जाएगी. इलाके में कामरेठ नफीसुद्दीन को ईमानदारी और जनसेवा का प्रतीक माना जाता था. उनके निधन से न सिर्फ समाजवादी परिवार बल्कि पूरे जनपद ने एक सच्चा और निडर जनसेवक खो दिया है.
रिपोर्ट-वसीम राजा, अमरोहा
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