सहरसा : बिहार के सहरसा ज़िले के नौहट्टा प्रखंड अंतर्गत सत्तौर पंचायत में ग्रामीणों का धैर्य अब जवाब दे चुका है. यहां चार साल पहले जिस सड़क का शिलान्यास सांसद और विधायक ने धूमधाम से किया था, वह आज तक अधूरी पड़ी है. देवका से बरूवाही तक बनने वाली करीब 24 किलोमीटर लंबी यह सड़क सिर्फ काग़ज़ों में पूरी हुई है, ज़मीनी हालात बेहद शर्मनाक हैं.
ग्रामीणों का आरोप है कि इस अधूरी सड़क योजना में काग़ज़ पर काम दिखाकर करोड़ों रुपये की लूट हो चुकी है. सच्चाई यह है कि बरसात के दिनों में यह रास्ता कीचड़ और दलदल में तब्दील हो जाता है, जिससे होकर न पैदल चला जा सकता है और न ही वाहन निकल पाते हैं.
Kaimur : बीजेपी पर FIR, क्या होगा अब?
नाराज ग्रामीणों ने अब विरोध के लिए अनोखा तरीका अपनाया है. उन्होंने कीचड़ से भरे सड़क पर धान की खेती शुरू कर दी है. साथ ही सरकार और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए साफ कहा, “नेता वोट मांगने आते हैं, काम की बात पर गायब हो जाते हैं!
स्थानीय लोगों ने अपने-अपने स्तर पर चंदा इकट्ठा करके सड़क में मिट्टी डालने का काम शुरू कर दिया है, लेकिन ये नाकाफी साबित हो रहा है. कई ग्रामीणों ने बताया कि गांव तक एंबुलेंस या ज़रूरी सेवाएं भी समय पर नहीं पहुंच पातीं.
Motihari : मोनालिसा नहीं बन सकीं मोतिहारी की निवासी!
ग्रामीणों का गुस्सा यहीं नहीं थमा. उन्होंने इलाके में जगह-जगह पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन कर अपना विरोध जताया. उनका कहना है कि ये केवल सड़क का नहीं, बल्कि उनके अस्तित्व, अधिकार और सम्मान का सवाल है.
अब सवाल उठता है कि जब सड़क का शिलान्यास हो चुका है, बजट पास हो चुका है, तो चार साल बाद भी सड़क अधूरी क्यों है? स्थानीय विधायक और सांसद आखिर क्यों चुप हैं?
ग्रामीणों ने कहा, “हम अपने बच्चों को स्कूल तक नहीं भेज पा रहे हैं, बीमारों को अस्पताल तक नहीं ले जा पा रहे हैं. सड़क नहीं है तो क्या हम इंसान नहीं हैं?
Kishanganj : भीड़ का इंसाफ या तालिबानी बर्बरता? युवक की पीट-पीटकर हत्या!
”सत्तौर पंचायत की यह सड़क सिर्फ मिट्टी, कीचड़ और धान की नहीं, बल्कि टूटे हुए वादों और सिस्टम की बेरुखी की कहानी कह रही है. देखना होगा कि अब सरकार कब जागती है.
सहरसा से विकास कुमार की रिपोर्ट …
Leave a Reply