पटना सिटी : राजधानी पटना में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने आम जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. शहर के कई निचले इलाकों में जलजमाव की स्थिति बन गई है, वहीं दूसरी ओर गंगा नदी का जलस्तर भी तेजी से बढ़ रहा है. इससे गंगा घाटों पर खतरा और अधिक बढ़ गया है.
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पटना के प्रमुख घाटों में शामिल महावीर घाट और भद्र घाट पूरी तरह से जलमग्न हो चुके हैं. महावीर घाट पर गंगा का पानी पाथवे तक पहुंच गया है, जिससे घाट पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है. श्रद्धालुओं को स्नान करने के लिए किनारों से काफी दूर जाना पड़ रहा है, जिससे दुर्घटनाओं की आशंका भी बढ़ गई है. वहीं भद्र घाट की सीढ़ियाँ पूरी तरह से डूब चुकी हैं. इस कारण श्रद्धालुओं को गंगा स्नान में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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स्थानीय निवासी अमर सिंह ने बताया, “हर साल सावन और बारिश के मौसम में पानी घाटों तक पहुंचता है, लेकिन इस बार हालात ज्यादा गंभीर हो गए हैं. प्रशासन को पहले से तैयारी करनी चाहिए थी.”
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बिटू कुमार, जो कि रोजाना गंगा स्नान करने घाट पर आते हैं, उन्होंने बताया, “घाट की सीढ़ियाँ डूब गई हैं. बहुत मुश्किल से स्नान हो पा रहा है. अगर सावधानी न बरती जाए तो कोई बड़ा हादसा हो सकता है.”
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स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत अलर्ट जारी कर दिया है. घाटों पर SSB (सशस्त्र सीमा बल) के जवानों को तैनात किया गया है, जो बोट के माध्यम से निगरानी रख रहे हैं और श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर ले जा रहे हैं. जवानों की तैनाती से स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं में कुछ हद तक राहत महसूस की जा रही है.
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बारिश से पटना के कई अन्य हिस्सों में भी जलभराव की समस्या सामने आई है. राजेंद्र नगर, कंकड़बाग, स्टेशन रोड और नाला रोड जैसे क्षेत्रों में घुटनों तक पानी भर गया है. आवागमन में दिक्कतों के कारण स्कूली बच्चों और ऑफिस जाने वाले लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
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मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों तक और बारिश की चेतावनी दी है. गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के करीब पहुंच चुका है और अगर बारिश जारी रही तो पटना के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं.
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प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे बिना आवश्यकता के घाटों की ओर न जाएं और बच्चों को जलजमाव वाले क्षेत्रों में जाने से रोकें.
पटना से सुधांशु रंजन की रिपोर्ट …
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