मुजफ्फरपुर : बिहार में फर्जीवाड़े के एक के बाद एक चौंकाने वाले मामले सामने आ रहे हैं. पहले कुत्ता, मोबाइल और ट्रैक्टर के नाम पर आवासीय प्रमाण पत्र बनाए जाने की खबरों ने शासन व्यवस्था पर सवाल खड़े किए थे, और अब नया मामला सामने आया है – मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नाम और तस्वीर से फर्जी आवासीय प्रमाण पत्र का आवेदन!
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यह मामला मुजफ्फरपुर जिले के सरैया अंचल कार्यालय से जुड़ा है.राजस्व अधिकारी अभिषेक सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि 29 जुलाई को ऑनलाइन आवेदन संख्या BRCCO/2025/16940816 प्राप्त हुआ. जब उस आवेदन का सत्यापन किया गया तो उसमें आवेदक का नाम “नीतीश कुमारी”, पिता का नाम “लखन पासवान” और माता का नाम “लकिया देवी” दर्ज था.
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सबसे हैरान करने वाली बात यह थी कि आवेदन में अपलोड की गई तस्वीर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की थी.मामला संदेहास्पद लगा, जिसके बाद तुरंत जांच शुरू की गई. जांच में साफ हो गया कि यह एक सुनियोजित साजिश है जिसका उद्देश्य मुख्यमंत्री की छवि को धूमिल करना हो सकता है.
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राजस्व अधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सरैया थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है.उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कृत्य कानून का मजाक उड़ाने जैसा है, और इस साजिश के पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
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सरैया थानाध्यक्ष सुभाष मुखिया ने बताया कि इस संबंध में पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी गई है.ऑनलाइन आवेदन करने वाले व्यक्ति की पहचान के लिए आईपी एड्रेस और अन्य तकनीकी पहलुओं की मदद ली जा रही है.उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही आरोपी की पहचान कर उसे हिरासत में लिया जाएगा।
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यह मामला बिहार की डिजिटल व्यवस्था और ई-गवर्नेंस प्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा करता है.लगातार सामने आ रहे इस तरह के मामलों ने यह जाहिर कर दिया है कि कहीं न कहीं सिस्टम में गंभीर खामियां हैं, जिनका लाभ असामाजिक तत्व उठा रहे हैं।
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इससे पहले भी कई विचित्र नामों जैसे मोबाइल, कुत्ता और ट्रैक्टर के नाम से आवासीय प्रमाण पत्र जारी करने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं.अब मुख्यमंत्री की तस्वीर और नाम का दुरुपयोग कर फर्जी आवेदन डालना कानून व्यवस्था और प्रशासन की साख पर सीधा हमला है।
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प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि इस तरह की हरकतों से बचें, अन्यथा उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
मुजफ्फरपुर से आनंद सागर की रिपोर्ट …
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