लखीसराय I कृष्णदेव प्रसाद यादव
भारत छोड़ो आंदोलन के 83 साल बाद लखीसराय के शहीदों को ऐतिहासिक सम्मान मिला. जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र की पहल पर नगर परिषद ने पुरानी बाजार स्थित रेलवे स्टेशन के पास शहीद गेट स्थल पर नया और आकर्षक शहीद शिलापट्ट तैयार किया है.
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13 अगस्त 1942 को अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद करते हुए लखीसराय स्टेशन के समीप गोली का शिकार बने आठ अमर सेनानी — बैजनाथ सिंह, गुज्जू सिंह, झरी सिंह, जुल्मी महतो, बनारसी सिंह, महादेव सिंह, परशुराम सिंह और दारो सिंह के नाम इस शिलापट्ट पर दर्ज हैं. ये सभी सेनानी राष्ट्रीय ध्वज लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अंग्रेजों ने उन पर गोलियां चला दीं और वे वहीं शहीद हो गए.
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बुधवार को आयोजित कार्यक्रम में जिलाधिकारी मिथिलेश मिश्र ने शहीद स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित की और नम आंखों से श्रद्धांजलि दी. उनके साथ डीईओ यदुवंश राम, नगर परिषद ईओ अमित कुमार, सभापति अरविंद पासवान, अन्य अधिकारी एवं बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे. तिरंगा यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होती हुई शहीद स्थल पर पहुंची.
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नगर परिषद ने सिर्फ इन आठ अमर सेनानियों को ही नहीं, बल्कि जिले के सभी 123 स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देने का फैसला किया है. इनमें लखीसराय प्रखंड से 50, बड़हिया से 50, सूर्यगढ़ा से 22 और हलसी प्रखंड से एक शहीद — जालिम सिंह शामिल हैं. इन सभी के नाम भी नए शिलापट्ट पर अंकित किए जाएंगे.
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सभापति अरविंद पासवान और ईओ अमित कुमार ने बताया कि जिले के वीरों की स्मृति में लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत से भव्य शहीद भवन का निर्माण होगा. ग्राउंड फ्लोर पर शिलापट्ट, प्रथम तल पर सुसज्जित हॉल और किऊल नदी किनारे सभा भवन बनाया जाएगा, जहां राष्ट्रीय और ऐतिहासिक अवसरों पर श्रद्धांजलि व सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे.
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डीएम मिथिलेश मिश्र की इस पहल की सभी ने सराहना की. उनका कहना था कि यह शहीद स्थल आने वाली पीढ़ियों को आजादी की लड़ाई में लखीसराय के योगदान की याद दिलाएगा और देशभक्ति की प्रेरणा देगा.
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