पाकुड़ : काला पत्थर की धरती से सांस्कृतिक और औद्योगिक विकास की ओर
पाकुड़ जिला झारखंड के उत्तर-पूर्वी हिस्से में स्थित है, जिसे मुख्यतः “काला पत्थर” (Black Stone) के उत्पादन के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। यहाँ के ग्रेनाइट और ब्लैक स्टोन की खदानों से न केवल झारखंड बल्कि पूरे भारत में निर्माण कार्यों के लिए उच्च गुणवत्ता की सामग्री आपूर्ति होती है। समृद्ध जनजातीय संस्कृति, घने जंगल, पहाड़ी इलाके और तेजी से उभरता औद्योगिक परिदृश्य पाकुड़ को एक विशेष पहचान प्रदान करता है। यह जिला प्राकृतिक संसाधनों, सांस्कृतिक विरासत और औद्योगिक संभावनाओं से भरपूर है।
झारखण्ड राज्य का यह जिला विकास के हर क्षेत्र में सभी अन्य जिलों से पिछड़ा हुआ है |
स्थिति:
स्थान: झारखंड के उत्तर-पूर्वी भाग में, बंगाल सीमा से सटा हुआ
प्रमंडल: संथाल परगना प्रमंडल (मुख्यालय — दुमका)
जिला मुख्यालय: पाकुड़ नगर
स्थापना: 28 जनवरी 1994 (दुमका से विभाजित होकर)
सीमाएं:
उत्तर: साहिबगंज जिला
दक्षिण: पश्चिम बंगाल (बीर्बूम जिला)
पूर्व: पश्चिम बंगाल (मुर्शिदाबाद)
पश्चिम: दुमका जिला
भौगोलिक व जनसांख्यिकीय जानकारी:
क्षेत्रफल: लगभग 1,810 वर्ग किमी
जनसंख्या (2011): 9,00,422
पुरुष: ~4,55,466
महिलाएँ: ~4,44,956
जनसंख्या घनत्व: ~497 व्यक्ति/वर्ग किमी
लिंगानुपात: 977
साक्षरता दर: 50.17%
पुरुष: ~62.42%
महिलाएँ: ~37.38%
राजनीतिक संरचना:
लोकसभा क्षेत्र: राजमहल (ST के लिए आरक्षित)
विधानसभा क्षेत्र: 1
- पाकुड़ (ST)
जातीय अनुपात (अनुमानित):
ST (जनजातीय): ~45% (मुख्यतः संथाल, पहाड़िया)
SC (दलित): ~5%
OBC: ~25%
अन्य: ~25% (सवर्ण, मुस्लिम, अन्य समुदाय)
प्रमुख भाषाएँ:
हिंदी
संथाली
बंगाली
उराँव, पहाड़िया बोली
अंग्रेज़ी
नागपुरी, स्थानीय बोलियाँ
प्रमुख फसलें:
धान
मक्का
गेहूँ
तिलहन (सरसों)
दालें (चना, अरहर)
सब्जियाँ
बाड़ी खेती (मौसमी फल, कंद)
प्रमुख नदियाँ:
बराकर नदी
ब्राह्मणी नदी
भैरवी नदी
अन्य छोटी धाराएँ
पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र:
राजमहल हिल्स (निकटवर्ती)
पाकुड़ ब्लैक स्टोन माइन क्षेत्र — औद्योगिक पर्यटन की संभावना
करमा और सरहुल महोत्सव — जनजातीय संस्कृति के आयोजन
बिंदुधाम (बिंदुधाम काली मंदिर) — प्रसिद्ध धार्मिक स्थल
महालक्ष्मी मंदिर, पाकुड़
प्राकृतिक जलस्रोत एवं वन्य क्षेत्र
औद्योगिक व विकास परियोजनाएँ:
ब्लैक स्टोन खनन
ग्रेनाइट प्रोसेसिंग यूनिट्स
खनिज आधारित लघु उद्योग
कुटीर व हस्तशिल्प उद्योग
बांस आधारित कारीगरी
ग्रामीण पर्यटन विकास की पहल
शिक्षा:
Pakur College
Govt. Polytechnic, Pakur
Kasturba Gandhi Balika Vidyalaya
CBSE/झारखंड बोर्ड के विद्यालय
संस्कृति और परंपराएँ:
लोक संस्कृति: संथाली, पहाड़िया, नागपुरी गीत-नृत्य
प्रमुख त्योहार: करमा, सरहुल, माघ परब, होली, दीपावली, दुर्गा पूजा
आदिवासी चित्रकला व हस्तशिल्प
पारंपरिक जनजातीय पहनावा, संगीत और वाद्य परंपरा
विशेषताएँ:
“काला पत्थर की धरती” — ब्लैक स्टोन के लिए अंतरराष्ट्रीय पहचान
समृद्ध आदिवासी संस्कृति
बंगाल सीमा से सटा, व्यापारिक दृष्टि से रणनीतिक जिला
औद्योगिक व खनिज संपदा से भरपूर
ग्रामीण पर्यटन और सांस्कृतिक पर्यटन की नई संभावनाएँ
संथाल परगना क्षेत्र में तेजी से उभरता औद्योगिक हब
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