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Jharkhand: जामताड़ा के बारे में Full Infrmation

जामताड़ा : संथाल परगना का सांस्कृतिक और चर्चित जिला, जामताड़ा झारखंड राज्य के पूर्वी भाग में स्थित एक छोटा लेकिन विशिष्ट जिला है। यह संथाल परगना प्रमंडल का हिस्सा है और अपनी आदिवासी संस्कृति, सांप्रदायिक सौहार्द, अर्ध-ग्रामीण संरचना, तथा हाल के वर्षों में साइबर क्राइम गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में रहा है। प्राकृतिक संसाधनों, कृषि, धार्मिक परंपराओं और सांस्कृतिक विविधता से भरपूर यह ज़िला एक अद्भुत सामाजिक-आर्थिक मिश्रण प्रस्तुत करता है।
26 अप्रैल, 2001 को दुमका जिले के 4 प्रखंडों को अलग करके जामतारा जिले का गठन किया गया |

स्थिति:

स्थान: झारखंड के पूर्वी भाग में

प्रमंडल: संथाल परगना

मुख्यालय: जामताड़ा नगर

स्थापना: 26 अप्रैल 2001 (दुमका से विभाजित होकर)

सीमाएं:

उत्तर: देवघर जिला

दक्षिण: दुमका जिला

पूर्व: पश्चिम बंगाल (बीरभूम जिला)

पश्चिम: गिरिडीह जिला

भौगोलिक व जनसांख्यिकीय जानकारी:

क्षेत्रफल: 1,811 वर्ग किमी

जनसंख्या (2011): 7,91,042

पुरुष: 4,03,085

महिलाएं: 3,87,957

जनसंख्या घनत्व: 437 व्यक्ति/वर्ग किमी

लिंगानुपात: 963

साक्षरता दर: 64.59%

पुरुष: 75.71%

महिलाएं: 52.86%

राजनीतिक संरचना:

लोकसभा क्षेत्र: दुमका (ST के लिए आरक्षित)

विधानसभा क्षेत्र: 1 — जामताड़ा

जातीय अनुपात (अनुमानित):

जनजातीय जनसंख्या: ~30-35% (मुख्यतः संथाल)

OBC: ~30-35%

SC: ~8-10%

अन्य (सवर्ण, मुस्लिम, अन्य पिछड़ा वर्ग): ~25%

मुस्लिम जनसंख्या मुख्यतः शहरी क्षेत्रों और सीमावर्ती ग्रामों में केंद्रित

प्रमुख भाषाएँ:

संथाली, हिंदी, अंगिका, बंगला, उर्दू, अंग्रेज़ी

प्रमुख फसलें:

धान

मक्का

तिलहन (सरसों, सूरजमुखी)

अरहर

सब्जियाँ (कद्दू, भिंडी, बैंगन)

प्रमुख नदियाँ:

अजय नदी

बराकर नदी

ब्राह्मणी नदी

पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र:

बोहरबनी जलप्रपात – प्राकृतिक सौंदर्य का प्रमुख स्थल

पातालगंगा – धार्मिक आस्था का केंद्र

कल्याणेश्वरी मंदिर – झारखंड-बंगाल सीमा पर स्थित

फुलजोरी मेला – सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजन

जामताड़ा शिव मंदिर – ऐतिहासिक महत्व का स्थल

औद्योगिक व विकास परियोजनाएं:

कुटीर उद्योग: बांस, लकड़ी, हस्तशिल्प

सीमित शहरीकरण, मुख्यतः कृषि आधारित अर्थव्यवस्था

साइबर क्राइम गतिविधियों से चर्चित (2010 के बाद राष्ट्रीय स्तर पर उभरा)

“फिशिंग कॉल”, ऑनलाइन ठगी जैसे मामलों के लिए विशेष निगरानी व प्रशिक्षण चल रहा है

स्टार्टअप स्तर पर डिजिटल जागरूकता कार्यक्रम शुरू किए गए हैं

शिक्षा:

जामताड़ा कॉलेज

महिला इंटर कॉलेज

कस्तूरबा विद्यालय, सरकारी + मिशनरी स्कूल्स

डिजिटल साक्षरता व साइबर सुरक्षा जागरूकता की आवश्यकता व प्रयास जारी

संस्कृति और परंपराएँ:

संथाली संस्कृति: नृत्य, मांदर, तीर-धनुष, पारंपरिक वस्त्र

त्योहार: करम, सरहुल, टुसू, सोहराय, छठ, ईद, मोहर्रम, होली

संस्कृति का मिश्रण: संथाली + बंगाली + नागपुरी प्रभाव

लोक संगीत व वाद्ययंत्र: ढोल, नगाड़ा, बांसुरी

विशेषताएँ:

संथाल परगना के सबसे छोटे ज़िलों में एक

हालिया वर्षों में “साइबर ठगों का गढ़” कहे जाने की छवि

प्रशासनिक सुधारों के ज़रिये इस छवि को बदलने का प्रयास

संथाली संस्कृति व बंगाली प्रभाव का अद्भुत संगम

जल, जंगल, जमीन आधारित ग्रामीण जीवन शैली

शिक्षा और डिजिटल सशक्तिकरण की ज़रूरत — नीति नियोजन जारी

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