गढ़वा : ऐतिहासिक धरोहर, प्राकृतिक सौंदर्य और खनिज संपदा से समृद्ध जिला
झारखंड के पश्चिमी छोर पर स्थित गढ़वा जिला अपनी ऐतिहासिक महत्ता, धार्मिक स्थलों, प्राकृतिक सौंदर्य और खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध है। यह जिला जहाँ एक ओर प्राचीन मंदिरों, जलप्रपातों और प्राकृतिक गुफाओं के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर यहाँ कृषि और खनन आधारित अर्थव्यवस्था भी विकसित हो रही है।
गढ़वा की सांस्कृतिक विरासत, विविध समुदायों की परंपराएँ और भौगोलिक विशेषताएँ मिलकर इसे झारखंड के महत्वपूर्ण जिलों में एक विशेष स्थान दिलाते हैं।
1 अप्रैल 1991 को पलामू जिले से अलग होकर गढ़वा को नया जिला बनाया गया था।
ऐसा माना जाता है कि यह क्षेत्र मराठों द्वारा बसाया गया था।
स्थिति:
स्थान: झारखंड के पश्चिमी भाग में, बिहार और उत्तर प्रदेश की सीमाओं से सटा हुआ
प्रमंडल: पलामू प्रमंडल (मुख्यालय — मेदिनीनगर / डालटनगंज)
जिला मुख्यालय: गढ़वा
स्थापना: 1 अप्रैल 1991 (पलामू जिले से अलग होकर)
सीमाएँ:
उत्तर: बिहार राज्य (रोहतास जिला)
दक्षिण: लातेहार जिला
पूर्व: पलामू जिला
पश्चिम: उत्तर प्रदेश (सोनभद्र जिला)
भौगोलिक व जनसांख्यिकीय जानकारी:
क्षेत्रफल: ~4,093 वर्ग किमी
जनसंख्या (2011): 13,22,784
पुरुष: ~6,78,595
महिलाएँ: ~6,44,189
जनसंख्या घनत्व: ~323 व्यक्ति/वर्ग किमी
लिंगानुपात: 935
साक्षरता दर: 60.33%
पुरुष: ~71%
महिलाएँ: ~49%
राजनीतिक संरचना:
लोकसभा क्षेत्र: पलामू (SC आरक्षित)
विधानसभा क्षेत्र:
- गढ़वा
- भवनाथपुर
- डंडई (नया परिसीमन प्रस्तावित)
जातीय अनुपात (अनुमानित):
ST (जनजातीय): ~10% (मुख्यतः उराँव, कोरवा, अन्य)
SC: ~16%
OBC: ~45%
अन्य: ~29% (सवर्ण, मुस्लिम, अन्य समुदाय)
प्रमुख भाषाएँ:
हिंदी
मगही
नागपुरी
उराँव
संथाली (कुछ क्षेत्रों में)
अन्य स्थानीय बोलियाँ
प्रमुख फसलें:
धान
गेहूँ
मक्का
चना
अरहर
सरसों
सब्जियाँ
कंद-मूल आधारित कृषि
प्रमुख नदियाँ:
कोयल नदी
सोन नदी (सीमावर्ती)
सकरी नदी
अन्य छोटी नदियाँ व नाले
पर्यटन स्थल व धार्मिक केंद्र:
नीलकंठ महादेव मंदिर (रामकोला)
राजा पूरनमल का किला (गढ़वा)
सतबहिनी जलप्रपात
कोनटार गुफाएँ
सोन नदी के घाट
स्थानीय मंदिर व मठ
औद्योगिक व विकास परियोजनाएँ:
बॉक्साइट, डोलोमाइट, ग्रेनाइट आदि खनिज आधारित उद्योग
लघु व कुटीर उद्योग
पत्थर क्रशर उद्योग
ग्रामीण हस्तशिल्प
प्रस्तावित विद्युत परियोजनाएँ
ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा
शिक्षा:
गढ़वा कॉलेज (सिद्धू कान्हू यूनिवर्सिटी से संबद्ध)
महिला महाविद्यालय
नवोदय विद्यालय
मॉडल स्कूल
अन्य CBSE / झारखंड बोर्ड के विद्यालय
संस्कृति और परंपराएँ:
लोक नृत्य: झूमर, करमा, सरहुल
प्रमुख पर्व: छठ पूजा, सरहुल, करमा, दीपावली, होली, रामनवमी
पारंपरिक ग्रामीण मेले
आदिवासी लोकगीत व कथाएँ
विशेषताएँ:
ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर
प्राकृतिक जलप्रपात व गुफाएँ
सीमावर्ती जिला — बिहार और उत्तर प्रदेश से व्यापारिक जुड़ाव
खनिज संपदा
पर्यटन विकास की संभावनाएँ
कृषि प्रधान जिला
पलामू प्रमंडल का सांस्कृतिक केंद्र
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