जमुई: जिले के सदर अस्पताल में बुधवार दोपहर एक गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया. जिसने अस्पताल की बदहाल व्यवस्था को फिर उजागर कर दिया . सोनो प्रखंड के जागीजोर गांव निवासी मुन्ना कुमार अपनी गर्भवती पत्नी अंजली कुमारी को अत्यधिक रक्तस्राव की स्थिति में अस्पताल लेकर पहुंचे. लेकिन अस्पताल में न तो स्ट्रेचर मिला, न ही कोई कर्मचारी मदद के लिए आगे आया.
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मजबूरी में मुन्ना कुमार को अपनी पत्नी को गोद में उठाकर इमरजेंसी से प्रसव वार्ड तक ले जाना पड़ा . जब तक इलाज शुरू हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी . डॉक्टरों ने जांच के बाद बताया कि गर्भ में ही बच्चे की मौत हो चुकी है .
जानकारी के अनुसार, 1 जुलाई से सदर अस्पताल की व्यवस्था सुधारने की जिम्मेदारी जीविका को दी गई थी . लेकिन मौके पर मौजूद जीविका की कर्मी रेड्डी कुमारी ने मरीज को सरकारी इलाज देने की बजाय एक निजी क्लिनिक में भेजने का प्रयास किया . सूत्रों का दावा है कि ऐसे मामलों में निजी क्लिनिक भेजे जाने पर दलालों को 4 से 5 हजार रुपये की ‘सुविधा शुल्क’ के रूप में कमीशन दिया जाता है .
अस्पताल प्रबंधक रमेश पांडेय ने फोन पर बताया कि वे इस समय पटना में एक बैठक में हैं . उन्होंने कहा कि पूरे मामले की जांच कर वरिष्ठ अधिकारियों को रिपोर्ट सौंपने की बात कही गई है .
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