मुजफ्फरपुर में आज वोटर अधिकार यात्रा के दौरान एक ऐतिहासिक नजारा देखने को मिला, जब राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और तेजस्वी यादव का काफिला जिले में पहुंचा. कार्यकर्ताओं ने नेताओं का जोरदार स्वागत किया और पूरे शहर में उत्साह का माहौल दिखाई दिया. जैसे ही काफिला गयाघाट पहुंचा, लोगों की भीड़ नेताओं के स्वागत में उमड़ पड़ी. कार्यकर्ताओं ने फूल-मालाओं और नारेबाजी से यात्रा को जोश और ऊर्जा से भर दिया.

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इस मौके पर खास बात यह रही कि राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और तेजस्वी यादव ने एक बार फिर आम जनता से जुड़ाव का संदेश देते हुए बाइक पर सवार होकर यात्रा में हिस्सा लिया. इससे कार्यकर्ताओं में नया उत्साह देखने को मिला. यात्रा में शामिल होकर तेजस्वी यादव ने कहा कि यह सिर्फ एक राजनीतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई है. वहीं राहुल गांधी ने जनता से अपील की कि वे अपने मताधिकार का सही उपयोग करें और लोकतंत्र को मजबूत बनाएं.

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गयाघाट में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन भी इस यात्रा का हिस्सा बने. राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया. इससे साफ संदेश गया कि यह आंदोलन राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों को जोड़ने का प्रयास है. तमिलनाडु से लेकर बिहार तक की एकजुटता ने इस यात्रा को और भी खास बना दिया.

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कार्यक्रम के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बेहद कड़ी रही. जिला प्रशासन ने गयाघाट से लेकर सभा स्थल तक पुख्ता इंतजाम किए थे. भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस बल की तैनाती की गई थी.
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प्रियंका गांधी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह लड़ाई केवल चुनाव की नहीं है, बल्कि युवाओं, किसानों और गरीबों के अधिकारों की है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जनता की आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन यह यात्रा जनता की ताकत और जागरूकता को साबित करेगी.

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काफिला थोड़ी देर के लिए एक निजी सभागार में रुका, जहां नेताओं ने विश्राम किया. इसके बाद सभी नेता जारंग स्थित सभा स्थल के लिए रवाना हुए. यहां वोटर अधिकार यात्रा के तहत एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए.
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कुल मिलाकर, मुजफ्फरपुर का यह दिन ऐतिहासिक साबित हुआ. राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, तेजस्वी यादव और एम.के. स्टालिन की मौजूदगी ने इस यात्रा को नई दिशा और ऊर्जा दी. इस यात्रा से यह साफ हो गया कि विपक्षी दल जनता से सीधा संवाद कर लोकतांत्रिक मूल्यों को बचाने के लिए पूरी ताकत झोंकने को तैयार हैं.
