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Vaishali : यहां मौत से लड़ने के लिए भी चाहिए… आवेदन!

वैशाली: बिहार में बाढ़ सिर्फ गांवों को नहीं डुबो रही, सिस्टम को भी बेनकाब कर रही है. महनार प्रखंड के हसनपुर दक्षिणी पंचायत के बाहलोलपुर दियारा में शुक्रवार रात एक गर्भवती महिला की मौत प्रशासनिक लापरवाही की भेंट चढ़ गई. सवाल यह नहीं कि गंगा का जलस्तर कितना ऊंचा है, बल्कि यह है कि सिस्टम का स्तर आखिर कितना नीचा गिर चुका है.

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गांव के राजेश राय की पत्नी सोनी देवी को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन मदद के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासन के दरवाजे खटखटाने लगे. जवाब मिला – “सरकारी नाव का परिचालन बंद है, आवेदन दीजिए, तभी एसडीआरएफ की नाव मिलेगी.” सोचिए, जब जिंदगी और मौत के बीच सिर्फ नाव की दूरी हो, तो फाइल और आवेदन किस काम आते हैं?

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देर रात प्रशासन की संवेदना जागी और एसडीआरएफ नाव लेकर गांव पहुंचा, लेकिन तब तक महिला का प्रसव दियारा में ही हो चुका था. फिर भी टीम ने हिम्मत दिखाई और महिला को महनार तक पहुंचाया. यहां आकर सिस्टम ने एक और चाल दिखा दी – एम्बुलेंस सेवा हड़ताल पर थी. आखिरकार मुखिया प्रतिनिधि ने अपने निजी वाहन से महिला को अस्पताल ले जाने की कोशिश की, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई.

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यह घटना सिर्फ एक महिला की मौत नहीं, बल्कि सिस्टम की मौत का ऐलान है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में नाव बंद, प्रशासन आवेदन मांगता रहा और एम्बुलेंस हड़ताल पर बैठी रही. अब सवाल यह है कि गंगा के पार जिंदगी डूब रही है या शासन-प्रशासन का विवेक?

रिपोर्ट: रिशव कुमार, वैशाली.