समस्तीपुर: समस्तीपुर जिले के उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक और पूर्व मंत्री आलोक कुमार मेहता को शनिवार को अपने क्षेत्र में जनसंपर्क के दौरान ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ा. विधायक सैदपुर गांव और रायपुर पंचायत के महादलित टोला में पहुंचे थे, लेकिन वहां के लोगों ने उनका कड़ा विरोध किया. ग्रामीणों का कहना था कि क्षेत्र में सड़क जैसी बुनियादी सुविधाओं का कोई विकास नहीं हुआ और हर बार विधायक जीतकर चले जाते हैं, लेकिन काम नहीं करते.
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सैदपुर गांव राष्ट्रीय राजमार्ग NH-28 के किनारे स्थित है, जहां विधायक जनसंपर्क के लिए पहुंचे थे. कुछ ग्रामीणों ने वहां वीडियो बनाने की कोशिश की, लेकिन विधायक ने इसे बंद करने का आग्रह किया. उनका विरोध स्थानीय मीडिया और सोशल मीडिया में भी चर्चा का विषय बना.
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इसके बाद विधायक आईटीआई कॉलेज रायपुर के पास आयोजित कार्यक्रम में पहुंचे. वहां कई लोगों ने चापाकल (हैंडपंप) न मिलने की शिकायत की. कार्यक्रम के दौरान विधायक और एक युवक के बीच तीखी बहस भी हुई. विधायक ने लिस्ट दिखाने की बात कही, जबकि युवक ने कहा कि पहले भी लिस्ट दिखाई जा चुकी थी, लेकिन फिर भी उन्हें चापाकल नहीं मिला.
ग्रामीणों की यह नाराजगी स्पष्ट रूप से बताती है कि उजियारपुर विधानसभा क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं की कमी और जनसंपर्क में सुधार की आवश्यकता है. जनता की मांगों और शिकायतों के बावजूद उनका समाधान न होने के कारण क्षेत्र में विधायक के प्रति आक्रोश बढ़ रहा है.
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समस्तीपुर में यह घटना स्थानीय राजनीति और विकास कार्यों पर जनता की गहरी नाराजगी को दर्शाती है और आगामी समय में विधायक की छवि और जनसंपर्क रणनीति पर प्रभाव डाल सकती है.
रिपोर्ट: रमेश शंकर, समस्तीपुर.