जमुई: पीला सोना कहे जाने वाले बालू का अवैध खनन और तस्करी लगातार सुर्खियों में बना हुआ है . जिले में पुलिस और खनन विभाग द्वारा कार्रवाई के दावे जरूर किए जा रहे हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. गुरुवार को एक चौंकाने वाला वीडियो मिला, जिसमें 10 ट्रैक्टर एकसाथ अवैध बालू ले जाते साफ दिख रहे हैं . यह वीडियो 1 सितंबर का बताया जा रहा है और यह विडियो 1 मिनट 22 सेकंड का है . इसे एक स्थानीय व्यक्ति ने नाम उजागर न करने की शर्त पर उपलब्ध कराया है . वीडियो में दौलतपुर बालू घाट से ट्रैक्टरों को मनीयअड्डा गांव के डीएवी स्कूल के रास्ते तेजी से गुजरते देखा जा सकता है . स्थानीय लोगों का कहना है कि इस रास्ते से दिन-रात तेज रफ्तार ट्रैक्टरों के जरिए अवैध बालू का परिवहन होता है . इससे न केवल बच्चों की सुरक्षा को खतरा है, बल्कि ग्रामीणों के जनजीवन पर भी गंभीर असर पड़ रहा है . स्थानीय लोगों में बालू माफियाओं का इतना खौफ है कि कोई भी उनके खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत नहीं कर पा रहा .
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इससे पहले भी 21 अगस्त को डीएवी स्कूल के सामने सैकड़ो स्कूली बच्चों के बीच अवैध बालू लदे ट्रैक्टरों का एक वीडियो वायरल हुआ था, इसके बावजूद इसके अवैध खनन पर रोक लगाने की दिशा में ठोस कार्रवाई होती नहीं दिख रही है .
पुलिस कार्रवाई सीमित, माफियाओं के हौसले बुलंद
टाउन थाना की पुलिस के अनुसार अगस्त महीने में टाउन थाना क्षेत्र में अवैध बालू खनन के कुल 6 मामले दर्ज किए गए, जिनमें एक मामला दौलतपुर घाट से जुड़ा है . वहीं, एसडीपीओ सतीश सुमन ने बताया कि अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न थानों में अब तक कुल 26 मामले अवैध खनन के खिलाफ दर्ज किए जा चुके हैं . गुरुवार को भी खैरा थाना क्षेत्र से 3 ट्रैक्टर, 9 ट्रेलर बालू और 2 बाइक को जब्त किया गया, जो अवैध खनन में संलिप्त पाए गए थे . लेकिन सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी मात्रा में बालू की तस्करी के बावजूद पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई क्यों सीमित नजर आती हैं ?पिछले 20 दिनों में न तो खनन विभाग, न परिवहन विभाग और न ही पुलिस ने किसी तरह की संयुक्त छापेमारी की है . इससे माफियाओं के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं .
खनन विभाग की निष्क्रियता पर भी उठे सवाल
खनन इंस्पेक्टर शिशुपाल ने बताया कि संयुक्त छापेमारी की योजना बन रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है . जब बालू तस्करी का वीडियो खनन पदाधिकारी केशव पासवान को दिखाया गया, तो उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी . यहां तक कि फोन करने पर उन्होंने कॉल उठाना भी मुनासिब नहीं समझा . यह स्थिति साफ तौर पर खनन विभाग की लापरवाही और उदासीनता को दर्शाती है . प्रशासनिक निष्क्रियता के चलते अवैध बालू खनन का गोरखधंधा लगातार फल-फूल रहा है .
पुलिस पर हो चुके हैं हमले, फिर भी जारी है तस्करी
बालू माफियाओं के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिस पर भी हमला करने से नहीं चूकते . हाल ही में दौलतपुर घाट पर जब पुलिस ने कार्रवाई करने की कोशिश की, तो माफियाओं ने टीम पर पथराव और गोलीबारी कर दी . इसी तरह की घटना बीते मंगलवार को सिमुलतला थाना क्षेत्र में भी सामने आ चुकी है जहां पुलिस टीम पर बालू माफियाओं के द्वारा पत्थर और गोलीबारी की गई थीं . इस घटना में पुलिस कर्मी घायल भी हुए थें . लेकिन इन हमलों के बावजूद माफियाओं के खिलाफ कोई निर्णायक कदम नहीं उठाया गया, जो प्रशासन की विफलता को उजागर करता है .
पर्यावरण को भी गंभीर खतरा
लगातार हो रहे अवैध बालू खनन से पर्यावरण पर भी गंभीर असर पड़ रहा है . नदियों का प्राकृतिक प्रवाह बाधित हो रहा है, जल स्तर में गिरावट आ रही है और जैवविविधता को नुकसान पहुंच रहा है . इसके बावजूद पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है . जमुई जिले में बालू माफिया खुलेआम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं . ट्रैक्टरों की कतारें दिन-रात नदियों से बालू ढो रही हैं, और प्रशासन सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी में उलझा हुआ है . अगर जल्द ही इस पर सख्त और ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले समय में हालात और भी बदतर हो सकते हैं .जिलेवासियों की सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण और कानून व्यवस्था की बहाली के लिए प्रशासन को अब केवल कार्रवाई के दावे नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर निर्णायक कदम उठाने होंगे .
जमुई से विवेक कुमार की रिपोर्ट