किशनगंज: सीमांचल के सुरजापुरी समाज ने एक बार फिर अपनी पहचान और हक़ की लड़ाई तेज कर दी है. सुरजापुरी फॉरवर्ड मिशन की ओर से किशनगंज में आयोजित प्रेस वार्ता में समाज के प्रतिनिधियों ने साफ कहा कि उन्हें अब तक केंद्र सरकार की ओर से ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) की मान्यता नहीं मिली है, जबकि वे शिक्षा, रोजगार और राजनीतिक प्रतिनिधित्व जैसे बुनियादी क्षेत्रों में लगातार पीछे रह गए हैं.
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मिशन के सदस्यों ने बताया कि सुरजापुरी समुदाय मेहनतकश और पिछड़ा होने के बावजूद आरक्षण का लाभ नहीं पा सका है. इससे समाज के युवाओं को न तो शिक्षा में बराबरी का मौका मिलता है और न ही नौकरी में हिस्सेदारी. वक्ताओं ने कहा कि जब देश के अन्य पिछड़े समाज को संवैधानिक अधिकार और आरक्षण की सुविधा दी गई है, तो सुरजापुरी समाज को इससे बाहर रखना सरासर अन्याय है.
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प्रेस वार्ता में मौजूद दीप चंद रविदास, सद्दाम हुसैन, गुलाम जिलानी, इम्तियाज़ नसर समेत कई युवा नेताओं ने एकजुट होकर कहा कि सरकार अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज करती रही, तो आने वाले दिनों में बड़ा जनआंदोलन खड़ा किया जाएगा.
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प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार ने जल्द ही सुरजापुरी समाज को ओबीसी सूची में शामिल करने की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया, तो सीमांचल से देशभर में विरोध की लहर उठेगी.
रिपोर्ट: रजी अहमद, किशनगंज.