सुपौल के ऐतिहासिक गांधी मैदान में मंगलवार को आयोजित NDA कार्यकर्ता सम्मेलन का नज़ारा राजनीति के लिहाज़ से काफी दिलचस्प रहा. आमतौर पर जनता नेताओं का घंटों इंतजार करती है, लेकिन इस बार समीकरण उलट गया. बिहार सरकार के मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव और सुपौल सांसद दिलेश्वर कामत समय से पहले मंच पर मौजूद थे, मगर सामने खाली पड़ी कुर्सियां मानो नेताओं को कटाक्ष भरी नज़र से देख रही थीं.
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भारी बारिश के कारण पूरा मैदान जलमग्न हो गया था और कार्यकर्ता समय पर पहुँच नहीं पाए. मंत्रीजी की बेचैनी साफ झलक रही थी, जैसे कह रहे हों – “बड़ी मुश्किल से भीड़ जुटती है, और यहां बारिश ने पूरा खेल बिगाड़ दिया.” लेकिन राजनीति का खेल भी बड़ा निराला है. कुछ ही देर बाद भीगते-भागते कार्यकर्ता मैदान की ओर उमड़ने लगे और देखते ही देखते खाली कुर्सियां भरने लगीं. अचानक मंत्रीजी का मूड भी बदल गया और नाराज़गी की जगह मुस्कान लौट आई.
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इस सम्मेलन में मंत्री सरवन कुमार, विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, पूर्व विधायक लखन ठाकुर, विधायक रामविलास कामेत, जदयू जिलाध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद यादव, भाजपा जिलाध्यक्ष नरेंद्र ऋषि देव सहित कई बड़े चेहरे मौजूद रहे. सम्मेलन का घोषित उद्देश्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की योजनाओं को जन-जन तक पहुँचाना था, लेकिन असली चर्चा का विषय बना – नेताओं का जनता के लिए इंतजार करना.
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सुपौल की इस सभा ने साफ कर दिया कि जनता अब नेताओं को आईना दिखाने से नहीं हिचकती. बारिश में भीगते लोग देर से सही, पहुंचे ज़रूर, लेकिन शुरुआती नज़ारा कटाक्ष से भरा था – “अब जनता ही नेताओं को इंतजार करवाती है.”
रिपोर्ट: मोo अख्तरूल इस्लाम, सुपौल.