नालंदा: जिले के चंडी प्रखंड में रेलवे का एक फैसला 50 से अधिक गांवों के लिए आफत बन गया है. दनियावां–बिहारशरीफ रेलखंड के मलबीघा हॉल्ट पर रेलवे ने दशकों से चालू मुख्य सड़क को लोहे की बैरिकेडिंग लगाकर पूरी तरह बंद कर दिया. रेलवे का तर्क है कि नई ट्रेन की तैयारी के लिए यह कदम उठाया गया है.
अब ग्रामीणों को मजबूरन अंडरपास से होकर गुजरना होगा, जबकि बरसात के दिनों में इस अंडरपास में 5 फीट से ज्यादा पानी भरने की आशंका रहती है. ग्रामीणों का कहना है कि यह अंडरपास मौत का जाल साबित हो सकता है. धान कटनी के वक्त हार्वेस्टर और बड़ी मशीनें भी इस संकरे रास्ते से नहीं निकल पाएंगी, जिससे किसानों की फसल और आजीविका पर संकट गहराने की संभावना है.
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मौके पर पहुंचे बढ़ौना पंचायत के मुखिया अशोक शर्मा ने रेलवे और प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाया. वहीं, सांसद कौशलेंद्र कुमार ने ग्रामीणों को समझाते हुए आश्वासन दिया कि समाधान निकाला जाएगा. मुखिया ने बताया कि 28 सितंबर को इस रेलखंड पर नई ट्रेन का उद्घाटन होना है, इसी वजह से फिलहाल सड़क बंद की गई है. लेकिन ग्रामीणों के बीच सबसे बड़ा सवाल यह है कि उद्घाटन के बाद यह रास्ता दोबारा खुलेगा या स्थायी रूप से बंद रहेगा.
रिपोर्ट: वीरेंद्र कुमार, नालंदा.