पटना की सड़कों पर मंगलवार को डायल-112 के ड्राइवरों ने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. पूर्व सैनिकों ने गर्दनीबाग से कारगिल चौक तक तिरंगा यात्रा निकाली और “बिहार सरकार होश में आओ, बिहार सरकार शर्म करो” जैसे नारे लगाए. यह विरोध अब और उग्र होता जा रहा है. संगठन ने बुधवार से पूरे बिहार में काम का बहिष्कार और चक्का जाम करने की चेतावनी दी है.
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ड्राइवरों का आरोप है कि सरकार ने बहाली के समय जो वादे किए थे, उन्हें अब तक पूरा नहीं किया गया. पच्चीस हजार रुपये वेतन पर भर्ती के बावजूद अब तक केवल सात सौ पचास रुपये की बढ़ोतरी हुई है. न तो पहचान पत्र और नियुक्ति पत्र मिला और न ही बीमा व छुट्टियों का लाभ दिया गया. महिला ड्राइवरों को 12-12 घंटे तक ड्यूटी करनी पड़ रही है, जिससे वे छोटे बच्चों को भी गोद में लेकर काम करने को मजबूर हैं.
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ड्राइवरों ने सरकार से पहचान पत्र और नियुक्ति पत्र उपलब्ध कराने, ट्रांसफर भत्ता और म्यूचुअल तबादले की सुविधा, समान काम समान वेतन, साप्ताहिक छुट्टी और बीमा, चालक संघ को संगठन बनाने की अनुमति, राज्यकर्मी का दर्जा और दूसरे राज्यों के तर्ज पर वेतनमान जैसी नौ प्रमुख मांगें रखी हैं. इसके साथ ही मृत चालक के परिवारों को वेलफेयर लाभ देने की भी मांग की गई है.
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संगठन के अध्यक्ष चंदन कुमार और उपाध्यक्ष धीरज कुमार यादव ने कहा कि सरकार ने अब तक उनकी आवाज को अनसुना किया है. इसी कारण आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ा है. 21 जनवरी 2022 को डायल-112 सेवा के लिए भूतपूर्व सैनिकों की भर्ती हुई थी. तब से अब तक पंद्रह जवानों की ड्यूटी के दौरान मौत हो चुकी है, लेकिन किसी परिवार को मुआवजा या सहायता नहीं दी गई. ड्राइवरों का कहना है कि सरकार की अनदेखी ही इस विरोध का सबसे बड़ा कारण है.
रिपोर्ट: शैलेन्द्र पांडेय, पटना.