पटना की सड़कों पर जनसुराज और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर के खिलाफ विवादित पोस्टर लगाए गए हैं, जिससे शहर में सियासी हलचल मची हुई है. पोस्टर में प्रशांत किशोर को “चारा चोर से भी बड़ा चोर” बताया गया है और जनसुराज पर भ्रष्टाचार, अपराध और दुराचार के आरोप लगाए गए हैं.
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पोस्टर में उनके साथ रामबली चंद्रवंशी और किशोर मुन्ना की तस्वीरें भी दिखाई गई हैं. पोस्टर में आरोप लगाया गया है कि रामबली चंद्रवंशी अप्राकृतिक दुराचार का आरोपी है और किशोर मुन्ना अपराधी है. इसके अलावा कहा गया है कि जनता से चंदे के नाम पर करीब 32 करोड़ रुपये ठगे गए और पाटलिपुत्र कॉलोनी में जमीन खरीदी गई.
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पोस्टर बीजेपी ऑफिस के पास लगाए गए थे, लेकिन फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इसे किसने लगाया. घटना ने पटना की सियासी गलियों में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है. सोशल मीडिया पर भी यह पोस्टर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग इसे लेकर अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं.
स्थानीय सियासी जानकारों का कहना है कि इस तरह के पोस्टर चुनाव और राजनीतिक माहौल को प्रभावित करने के लिए लगाए जाते हैं. हालांकि, अभी तक पोस्टर लगाने वालों की पहचान नहीं हो पाई है और प्रशासन ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है.
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इस विवादित पोस्टर ने पटना की सड़कों पर राजनीतिक तनाव बढ़ा दिया है और आने वाले समय में इसकी जांच और कार्रवाई को लेकर निगाहें प्रशासन की ओर लगी हैं. घटना ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सियासत में आरोप-प्रत्यारोप और प्रचार का माध्यम लगातार बदलता रहता है.