मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल बॉर्डर पर इमीग्रेशन विभाग ने एक नाइजीरियन नागरिक को गिरफ्तार किया है, जो फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर भारत में दोबारा प्रवेश करने की कोशिश कर रहा था. हिरासत में लिया गया व्यक्ति हेनरी चिगोज़ी ओमेके के नाम से जाना जाता है. जानकारी के अनुसार, हेनरी 16 फरवरी 2024 को अपनी वीज़ा अवधि समाप्त होने से पहले भारत छोड़ चुका था. इसके बाद उसने अपनी नागरिकता बदलकर ‘रिपब्लिक ऑफ कोटे डी आइवर’ का पासपोर्ट बनवाया और अपना नाम एडजोबा गिल्बर्ट रख लिया.
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फर्जी विवरण में उसने 26 फरवरी 1983 की जन्मतिथि के साथ पासपोर्ट नंबर 17AL19840 जारी कराया, जिसकी वैधता 20 फरवरी 2024 से 20 फरवरी 2029 तक है. इस नई पहचान के साथ वह वीरगंज-रक्सौल के रास्ते भारत में प्रवेश करने का प्रयास कर रहा था, लेकिन सीमा पर तैनात इमीग्रेशन अधिकारियों की सतर्कता के कारण उसे पकड़ लिया गया.
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रक्सौल इमिग्रेशन कार्यालय में इंडियन इमिग्रेशन क्लियरेंस की जांच के दौरान उसके फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. अधिकारियों का कहना है कि इस पासपोर्ट का नंबर पहले भी इस्तेमाल किया गया था. पासपोर्ट नंबर 17AL19840 अब्दुलावये कूलिबाली नामक अन्य व्यक्ति को भी जारी किया गया था, जिसने 23 सितंबर 2017 को इसी नंबर का उपयोग करके दिल्ली एयरपोर्ट पर प्रवेश करने का प्रयास किया था, लेकिन उसे फर्जी पासपोर्ट के कारण डिपोर्ट कर दिया गया था.
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जानकारी के अनुसार हेनरी ने भारत आने के लिए 2 दिसंबर 2023 को तीन महीने का मेडिकल वीज़ा लिया था और 2 फरवरी 2024 को प्रस्थान किया था. इस दौरान उसके पास असली पासपोर्ट नंबर A08109849 था, जिसकी वैधता 9 नवंबर 2022 से 8 नवंबर 2027 तक है. इस मेडिकल वीज़ा की अवधि 17 नवंबर 2023 से 16 फरवरी 2024 थी.
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हिरासत में लिए गए नाइजीरियन नागरिक को रक्सौल इमिग्रेशन ने एसएसबी की 47 बटालियन के सुपुर्द किया. इसके बाद उसे हरैया थाना को सौंपा गया. अब उससे पूछताछ की जा रही है ताकि फर्जीवाड़े और भारत में उसकी गतिविधियों की पूरी जानकारी मिल सके.
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इमीग्रेशन अधिकारियों के अनुसार, एक ही पासपोर्ट नंबर का उपयोग दो अलग-अलग व्यक्ति द्वारा नहीं किया जा सकता. इसलिए हेनरी के द्वारा लाए गए पासपोर्ट की वैधता और फर्जीवाड़े की संभावना पर संदेह किया जा रहा है. सुरक्षा एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके.
रक्सौल बॉर्डर पर इस तरह की सतर्कता और कार्रवाई से यह संदेश गया है कि भारत में सीमा सुरक्षा और इमीग्रेशन विभाग अपने कर्तव्यों में पूरी तरह सजग हैं. अधिकारियों ने कहा कि फर्जी पहचान से देश में प्रवेश करने की कोई कोशिश सफल नहीं होने दी जाएगी.
