नालंदा के परवलपुर नगर पंचायत में शुक्रवार की सुबह अचानक माहौल गर्मा गया. मोहल्ले में गाड़ियों का काफिला रुका, पुलिस की तैनाती हुई और देखते ही देखते प्रशासन का बुलडोज़र मुख्य पार्षद रामवृक्ष प्रसाद के घर के सामने आ खड़ा हुआ.
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जैसे ही जेसीबी का पंजा मकान की दीवार पर चला, इलाके में हड़कंप मच गया. लोगों की भारी भीड़ मौके पर उमड़ पड़ी और चारों तरफ अफरातफरी मच गई.
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बताया जाता है कि हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की यह कार्रवाई की जा रही थी. प्रशासन का दावा है कि 19 अगस्त को ही नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कार्रवाई के बाद विरोध इतना बढ़ा कि पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा.
मुख्य पार्षद रामवृक्ष प्रसाद ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, हिलसा डीसीएलआर ने दोबारा मापी का आदेश दिया था, लेकिन सीओ ने उस आदेश को ताक पर रख दिया और जबरन मकान तोड़ दिया. यह सरासर मनमानी है.
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हालांकि मजदूर उपलब्ध न होने के कारण मकान पूरी तरह से ढहाया नहीं जा सका. तनाव बढ़ता देख प्रशासन ने 10 दिन की मोहलत दी, लेकिन इलाके में अब भी हलचल बनी हुई है.
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लोगों की जुबान पर सिर्फ एक ही सवाल है – क्या सच में यह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई थी या फिर मुख्य पार्षद और प्रशासन के बीच टकराव की नई कड़ी?
रिपोर्ट: वीरेंद्र कुमार, नालंदा.