मुंगेर: जिले के जमालपुर प्रखंड के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग इस समय दोहरी मार झेल रहे हैं. एक तरफ गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है तो दूसरी ओर पिछले दिनों आई बाढ़ से प्रभावित परिवारों को अभी तक राहत राशि नहीं मिल पाई है. सरकार ने बाढ़ पीड़ितों को अनुदान स्वरूप नकद सहायता देने की घोषणा की थी, जो सीधे लाभुकों के बैंक खातों में भेजी जानी थी. लेकिन अब तक बड़ी संख्या में पीड़ितों को यह राशि नहीं मिली है.
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इसी मुद्दे को लेकर सोमवार को सिंघिया और कलां रामपुर पंचायत के सैकड़ों ग्रामीण जमालपुर अंचल कार्यालय पहुंचे और जोरदार प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कार्यालय का घेराव कर लिया. उनका आरोप था कि बाढ़ के दौरान न तो उन्हें पन्नी मिला और न ही सूखा राशन, ऊपर से अब घोषित राहत राशि भी उनके खातों तक नहीं पहुंची. पीड़ितों का कहना था कि जब तक सभी परिवारों को राहत राशि नहीं मिलती, आंदोलन जारी रहेगा.
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प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि हर साल बाढ़ की मार झेलने वाले परिवारों को केवल आश्वासन मिलता है, मदद बहुत कम मिलती है. इस बार भी हालात ऐसे ही हैं. कई घर उजड़ चुके हैं, खाने-पीने तक का संकट है, लेकिन सरकार द्वारा घोषित आर्थिक सहायता से अब भी लोग वंचित हैं.
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इस मामले पर जमालपुर के सीओ राकेश कुमार ने कहा कि राहत राशि पात्र बाढ़ पीड़ितों के बैंक खातों में सीधे भेजी जाती है. यदि किसी को अब तक राशि नहीं मिली है, तो जल्द ही मिल जाएगी. हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि जो लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्र से नहीं होंगे, उन्हें यह सहायता राशि नहीं दी जाएगी.
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ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द राहत राशि उपलब्ध नहीं कराई गई, तो वे और भी उग्र आंदोलन करेंगे.
रिपोर्ट: मिथुन कुमार, मुंगेर.
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