गयाजी: बिहार के बोधगया स्थित महाबोधी मंदिर परिसर में बुधवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब अचानक बीटीएमसी (Bodhgaya Temple Management Committee) कार्यालय परिसर में एक ड्रोन गिर गया. महाबोधी मंदिर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संवेदनशील धार्मिक स्थल माना जाता है और इसे सुरक्षा दृष्टिकोण से नो फ्लाइंग जोन घोषित किया गया है. ऐसे में ड्रोन का गिरना सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करता है.
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ड्रोन बीटीएमसी कार्यालय की दीवार से टकराकर गिरा, जिसके बाद मंदिर परिसर में अफरा-तफरी फैल गई. शुरुआती जांच में सामने आया है कि ड्रोन मंदिर परिसर में ही मौजूद एक बौद्ध भिक्षु और पुजारी से जुड़ा हुआ था. बताया जा रहा है कि बीटीएमसी के कुछ सदस्यों और बौद्ध भिक्षुओं की मिलीभगत से ड्रोन उड़ाया जा रहा था.
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सूत्रों का दावा है कि महाबोधी मंदिर परिसर के गर्भगृह में विदेशी श्रद्धालुओं द्वारा लगातार लाइव स्ट्रीमिंग और फोटोग्राफी की जा रही है. जबकि यहां किसी भी प्रकार के कैमरे, मोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण ले जाने पर सख्त प्रतिबंध है. आरोप है कि मंदिर परिसर की ड्रोन से रिकॉर्डिंग कर विदेशी श्रद्धालुओं से विदेशी मुद्रा ली जाती है.
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गौरतलब है कि गया जिले के तत्कालीन डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने भी पहले मंदिर गर्भगृह से लाइव स्ट्रीमिंग पर कड़ा रुख अपनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी. इसके बावजूद ऐसे मामले बार-बार सामने आ रहे हैं.
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बीटीएमसी सदस्य डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महाबोधी मंदिर पूरी तरह प्रतिबंधित क्षेत्र है. इसके बावजूद ड्रोन उड़ाया गया है, जो सुरक्षा में बड़ी चूक है. मामले की जांच की जाएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी.
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इस घटना के साथ ही बिहार पुलिस मुख्यालय ने पहले से ही राज्य भर में हाई अलर्ट जारी किया हुआ है. नेपाल के रास्ते बिहार में तीन संदिग्ध आतंकियों की घुसपैठ की खबर से सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हैं. बताया जा रहा है कि तीनों आतंकी जैश-ए-मोहम्मद संगठन से जुड़े हैं, जिनकी पहचान हसनैन अली, आदिल हुसैन और मोहम्मद उस्मान के रूप में हुई है. ऐसे में महाबोधी मंदिर जैसे संवेदनशील स्थल पर ड्रोन गिरने की घटना को लेकर सुरक्षा एजेंसियों की चिंता और भी बढ़ गई है.