गया: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) में सोमवार को बड़ा राजनीतिक बवंडर खड़ा हो गया. पार्टी ने अपने प्रदेश महासचिव लक्ष्मण मांझी को बाहर निकालने का ऐलान किया, जिसके छह घंटे बाद ही लक्ष्मण मांझी हजारों समर्थकों के साथ सड़क पर उतर आए और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी पर जमकर हमला बोला.
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आक्रोश मार्च गांधी मैदान से शुरू होकर आजाद पार्क तक गया, जहां लक्ष्मण मांझी और समर्थकों ने जीतन राम मांझी और उनके बेटे, बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन के पुतले जलाए. उन्होंने कहा कि पार्टी से बाहर निकालना केवल दिखावा है और वे सच बोलना बंद नहीं करेंगे.
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लक्ष्मण मांझी ने परिवारवाद पर तीखा प्रहार किया. उनका कहना था कि पार्टी केवल बेटे, दामाद और बहू को मंत्री, सांसद और विधायक बनाने में लगी है. मुसहर-भुईयां समाज के लोग लगातार ठगे जा रहे हैं. उन्होंने शराबबंदी और जमीन के वादों का हवाला देते हुए कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि परिवारवाद की राजनीति के कारण उनके हक का उल्लंघन हुआ है.
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उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जीतन राम मांझी बाबा दशरथ मांझी के नाम का केवल राजनीतिक लाभ उठाने के लिए इस्तेमाल करते हैं. विपक्ष में रहते तो भारत रत्न की मांग होती है, सत्ता में आते ही चुप्पी साध ली जाती है.
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लक्ष्मण मांझी ने चेतावनी दी कि 2025 के चुनाव में मांझी समाज अब परिवारवाद को वोट नहीं देगा. उनका कहना था कि यह अब इज्जत और हक की लड़ाई है.
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मार्च में सैकड़ों समर्थक शामिल थे, जिसमें महिलाएं और पुरुष दोनों बड़ी संख्या में थे. लोगों ने नारों के माध्यम से साफ संदेश दिया कि मांझी समाज अब वोट बैंक नहीं बनेगा और लोकतंत्र में अपनी ताकत पहचान चुका है.