गयाजी: मंगलवार को RJD सुप्रीम लालू यादव ने गयाजी के विष्णुपद मंदिर में अपने पितरों का पिंडदान किया. इस अवसर पर उनके साथ पत्नी राबड़ी देवी, पुत्र तेजस्वी यादव, उनकी पत्नी राजश्री और बेटी कात्यायनी भी मौजूद रहीं. पूजा लगभग डेढ़ घंटे चली, इसके बाद लालू परिवार बोधगया के लिए रवाना हो गया.
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लालू यादव के गयाजी पहुंचने से पहले तीर्थ पुरोहित शंभू नाथ ने पिंडदान की पूरी तैयारी की थी. परिवार मंगलवार सुबह साढ़े 7 बजे हेलिकॉप्टर से मंदिर पहुँचा. पिंडदान के दौरान लालू यादव व्हीलचेयर पर बैठकर शामिल हुए क्योंकि उनका स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीक नहीं था. तीर्थ पुरोहित ने बताया कि इस बार लालू यादव ने 7 कुलों का पिंडदान किया, जिसमें उनके माता-पिता सहित परिवार के सभी खानदान शामिल थे.
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पिंडदान के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि उनके पिता का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, लेकिन उनकी इच्छा थी कि भगवान विष्णु के दर्शन करें. उन्होंने कहा कि गयाजी मोक्ष और ज्ञान की धरती है, और जब से उन्होंने होश संभाला है, यह पहली बार है कि पूरा परिवार एक साथ यहां आया.
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इस मौके पर JDU MLC नीरज कुमार ने लालू यादव के पिंडदान पर तंज कसा. उन्होंने कहा कि गया श्रद्धा का प्रतीक है, लेकिन लालू यादव का नाम खौफ का पर्याय है. उन्होंने लिखा कि लालू परिवार सरकारी सुविधाओं के साथ पिंडदान कर रहा है और उम्मीद है कि इसके साथ वंशवाद, भ्रष्टाचार और खौफ राज का भी पिंडदान हो जाए, ताकि बिहार के लोग सुकून से कह सकें कि “अब राजनीतिक पाप गया जी में विसर्जित हो चुका है.”
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इस प्रकार लालू परिवार ने न केवल अपने पितरों को श्रद्धांजलि अर्पित की, बल्कि यह आयोजन राजनीतिक और सामाजिक नजरिए से भी सुर्खियों में रहा.

कंटेंट ब्यूरो एडिटर
सहारा समय बिहार.