लखीसराय: नगर परिषद अंतर्गत कार्यरत एनजीओ सफाई मजदूरों ने मंगलवार को केआरके हाई स्कूल के पास नया बाजार की मुख्य सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया. उनका आरोप है कि एजेंसी द्वारा उन्हें प्रतिदिन 430 रुपये का भुगतान करना तय है, लेकिन 10 रुपये काटकर केवल 420 रुपये मिलते हैं. कई मजदूरों का कहना है कि समय पर वेतन न मिलने के कारण उन्हें राशन और तेल खरीदने के लिए कर्ज लेना पड़ता है.
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मजदूरों का कहना है कि सफाई कार्य के लिए जरूरी झाड़ू की व्यवस्था भी एजेंसी नहीं करती. उनका दावा है कि उन्हें रोज़ाना केवल 337 रुपये ही मिलते हैं, जो उनके गुजारे के लिए पर्याप्त नहीं हैं. मजदूरों ने साफ कह दिया है कि उनकी मांगें पूरी होने तक वे काम पर वापस नहीं लौटेंगे.
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धरने में महिला और पुरुष दोनों ही सफाई कर्मचारी शामिल हैं. इससे सड़क पर आवागमन बाधित हुआ और लोग घंटों फंसे रहे. स्थानीय व्यापारी और राहगीर भी परेशान दिखे.
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एनजीओ के मैनेजर और नगर परिषद के अधिकारी स्थिति को संभालने का प्रयास कर रहे हैं. नगर परिषद के ईओ अमित कुमार ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष तक समस्या का समाधान एजेंसी को ही करना है.
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सफाई मजदूर ठेकेदारी प्रथा को समाप्त करने की भी मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि ठेका एजेंसी कर्मचारियों के अधिकारों को सीमित कर रही है. इस विवाद ने शहर की मुख्य सड़क को धरने की गली बना दिया है.
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स्थानीय लोग इस आंदोलन को देखते हुए चिंता व्यक्त कर रहे हैं. वहीं मजदूर यह भी कहते हैं कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो भविष्य में और भी बड़े आंदोलन की तैयारी है.
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सफाई कर्मचारियों का यह धरना मजदूरी, सुविधाओं और ठेकेदारी प्रथा जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर करता है और नगर परिषद के लिए चुनौती बन गया है.
