कैमूर: भगवानपुर थाना क्षेत्र के मसई गांव में एक ऐसा हादसा हुआ जिसने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया. 13 वर्षीय आदर्श कुमार और 15 वर्षीय आशुतोष कुमार, दोनों सगे भाई, एक-दूसरे को बचाने के चक्कर में तालाब में डूब गए. उनके पिता की मौत 10 साल पहले ही हो चुकी थी, और मां एकाकी जीवन यापन कर रही थीं. अब इस दर्दनाक हादसे ने उनके जीवन में गहरा खालीपन छोड़ दिया.
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घटना के अनुसार, आशुतोष तालाब में नहाने गया और गहरे पानी में जाने के कारण डूबने लगा. इसे देख छोटा भाई आदर्श भी उसे बचाने के लिए कूद गया. ग्रामीणों ने दोनों को बाहर निकाला, लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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गांव के लोग और परिजन इस क्षण से टूट चुके हैं. उनकी मां की आंखों में अब सिर्फ आंसू हैं, और घर का उजाला, यानी उनके दो बेटे, हमेशा के लिए बुझ गया. घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शवों का पोस्टमार्टम किया.
चैनपुर के विधायक एवं सह मंत्री जमा खान ने मृतकों के परिजनों से मिलकर सरकारी मुआवजा दिलाने का भरोसा दिया. लेकिन किसी भी मुआवजे से उस दुख को मिटाया नहीं जा सकता, जो मां और पूरे परिवार के दिल में समा गया है.
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गांव के झलखरा पहाड़ी के पास मनरेगा विभाग द्वारा खोदे गए तालाबों में अक्सर बच्चे खेलते हैं. इस हादसे ने सुरक्षा और सतर्कता की कमी को भी उजागर कर दिया.
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इस दर्दनाक घटना ने यह याद दिला दिया कि मासूमों की हंसी और खुशियां कभी-कभी एक पल में छिन सकती हैं. आदर्श और आशुतोष की मौत ने सिर्फ उनके परिवार को नहीं, बल्कि पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया.
रिपोर्ट: अजीत गुप्ता, कैमूर.