जमुई: जिले में गुरुवार को माइक्रो फाइनेंस कंपनियों के कर्ज से मुक्ति दिलाने की मांग को लेकर महिला कर्ज मुक्ति सम्मेलन आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम की अध्यक्षता माले पार्टी की MLC शशि यादव ने की. सम्मेलन में सैकड़ों ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया और बिहार सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.
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सम्मेलन से पहले, महिलाओं ने शहर के मुख्य बाजार से कचहरी चौक तक जुलूस निकाला. उन्होंने डॉ. भीमराव आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और निजी भवन सभा स्थल तक मार्च किया. इस दौरान महिलाओं ने फाइनेंस कंपनियों की ओर से जबरन वसूली और अपमानजनक व्यवहार का विरोध किया.
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MLC शशि यादव ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं कर्ज के बोझ तले दबी हुई हैं. उन्होंने बताया कि कर्ज वसूली के कारण कई परिवार टूट चुके हैं और आत्महत्या की घटनाओं में वृद्धि हुई है. शशि यादव ने आरोप लगाया कि हालात इतने गंभीर हैं कि लोग बच्चों तक को बेचने को मजबूर हो रहे हैं.
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उन्होंने कहा कि जब लोन कंपनी का एजेंट गांव पहुंचता है, तो महिलाएं घर छोड़कर भागने पर मजबूर होती हैं. शशि यादव ने बिहार सरकार पर चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि रोजगार देने और 10,000 रुपये आर्थिक मदद जैसी घोषणाएं केवल चुनावी जुमला हैं.
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सम्मेलन में उपस्थित महिलाओं ने एक स्वर में कर्ज मुक्ति की मांग की और चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मुद्दे पर ठोस कदम नहीं उठाए तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा. शशि यादव ने विश्वास जताया कि इस बार महिलाएं किसी छलावे में नहीं आएंगी और बिहार बदलाव की ओर अग्रसर है.
रिपोर्ट: विवेक कुमार, जमुई.