जमुई: झाझा थाना क्षेत्र में 25 अगस्त की रात एक सनसनीखेज अपहरण घटना ने प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दिया. ग्रामीण चिकित्सक देवाशीष गांगुली का अपहरण उस समय हुआ जब वे सहदेव यादव के घर से दूध लेकर अपने घर लौट रहे थे. घटना झाझा थाना क्षेत्र के तेलियाडीह गांव में घटी.
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सूचना मिलते ही पुलिस ने झाझा थाना कांड संख्या-416/25 के तहत मामला दर्ज किया. इस गंभीर मामले में एसडीपीओ राजेश कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच टीम बनाई गई. टीम ने वैज्ञानिक अनुसंधान, CCTV फुटेज और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर कार्रवाई की और महज 6 घंटे में चिकित्सक को तेतरिया जंगल से सकुशल रेस्क्यू कर लिया.
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पुलिस ने अपहरण में शामिल तीन आरोपियों मनीष कुमार, अजीत कुमार (दोनों छापा घपरी, झाझा) और सूरज कुमार (नजरी, लक्ष्मीपुर) को 48 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया. इनके पास से अपहरण में प्रयुक्त उजले रंग की मारुति कार और मोटरसाइकिल भी जब्त की गई.
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इस पूरी कार्रवाई की प्रशंसा एसपी विश्वजीत दयाल ने की, लेकिन साथ ही यह घटना सरकार की सुरक्षा व्यवस्था और आम नागरिकों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा करती है. 6 घंटे में रेस्क्यू होना पुलिस की तत्परता दिखाता है, लेकिन सवाल यह है कि अगर पुलिस तुरंत सक्रिय न होती तो ग्रामीण चिकित्सक की जान खतरे में कैसे पड़ सकती थी.
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इसमें झाझा, बरहट और लक्ष्मीपुर थानों के थानाध्यक्ष, पीटीसी अधिकारी, जिला सूचना इकाई और सशस्त्र बल के जवान शामिल थे. एसपी ने पूरी टीम को सम्मानित करने की घोषणा की.
ग्रामीण चिकित्सक देवाशीष गांगुली का सकुशल रेस्क्यू प्रशासन की मेहनत दिखाता है, लेकिन यह घटना सरकार की सुरक्षा इंतजाम पर सवाल करती है और आम नागरिकों की सुरक्षा के लिए चेतावनी भी है.
रिपोर्ट: विवेक कुमार, जमुई.


























