किशनगंज की सियासत में बुधवार को बड़ा बदलाव देखने को मिला. AIMIM के वरिष्ठ नेता और पूर्व जिला सचिव गुलाम मुक़्तदा ने पार्टी से इस्तीफा देकर कांग्रेस का हाथ थाम लिया. उन्होंने कहा कि वे AIMIM की कार्यशैली और नेतृत्व से बेहद निराश थे, इसलिए उन्होंने यह फैसला लिया.
मुक़्तदा ने कांग्रेस प्रत्याशी कमरूल होदा के प्रति पूर्ण समर्थन की घोषणा की और कार्यकर्ताओं से कांग्रेस को मजबूत करने की अपील की. उन्होंने कहा — “कांग्रेस ही वह पार्टी है जो देश और संविधान की रक्षा कर सकती है. किशनगंज में अब सांप्रदायिक राजनीति नहीं चलेगी.”
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि मुक़्तदा का यह कदम कांग्रेस के लिए बड़ा राजनीतिक फ़ायदा साबित हो सकता है. AIMIM को इससे झटका लगना तय है, क्योंकि मुक़्तदा स्थानीय मुस्लिम वोट बैंक में प्रभाव रखते थे.
सूत्रों के अनुसार, उनके कांग्रेस में शामिल होने से किशनगंज विधानसभा सीट पर मुकाबला और दिलचस्प हो गया है. AIMIM के कई स्थानीय पदाधिकारी भी आने वाले दिनों में कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.
रजी अहमद, किशनगंज.


























