मुंगेर: जमालपुर प्रखंड के परहम पंचायत के वार्ड नंबर 1 में बाढ़ राहत राशि वितरण में फर्जीवाड़े का मामला उजागर हुआ है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि अंचल अधिकारी और कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से राहत राशि गलत व्यक्तियों को वितरित की गई.
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स्थानीय लोगों का कहना है कि वार्ड नंबर 1 में न तो मुस्लिम समुदाय, न राजपूत, और न ही कुम्हार जाति के लोग रहते हैं, फिर भी इन जातियों के नाम पर राहत राशि बांटी गई. इस कारण असली बाढ़ पीड़ितों को मदद नहीं मिल सकी, जिसे ग्रामीणों ने पूरी तरह धोखाधड़ी करार दिया.
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ग्रामीणों ने गुरुवार सुबह 8 बजे सामूहिक बैठक कर अपनी नाराजगी जताई और इस मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की. उन्होंने आवेदन देकर अंचल अधिकारी और कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की और राहत वितरण प्रक्रिया की निष्पक्ष जांच कराने की अपील की.
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ग्रामीणों का कहना है कि बाढ़ से पहले से ही कठिन परिस्थितियों में जी रहे लोग अब भ्रष्टाचार और फर्जीवाड़े के कारण और अधिक परेशान हैं. उन्होंने प्रशासन से पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग की.
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इस घटना ने यह सवाल भी खड़ा किया है कि क्या राहत वितरण में प्रभावशाली लोगों और भ्रष्टाचार की संभावना को नजरअंदाज किया जा रहा है. प्रशासन की अगली कार्रवाई और जांच रिपोर्ट पर अब सभी की नजरें टिकी हुई हैं.
रिपोर्ट: मिथुन कुमार, मुंगेर.