गयाजी: बोधगया में प्रवास के दौरान बाबा बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने सोमवार को बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि कंपनियां अपने उत्पादों पर भगवान की तस्वीर लगाती हैं, जो बाद में डस्टबिन या नाले में फेंक दिए जाते हैं. यह आस्था के साथ खिलवाड़ है और हिंदू मान्यताओं का मजाक उड़ाने जैसा है. इसी कारण वह इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर करेंगे.
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उन्होंने कहा कि सरस्वती कपूर पूजा में काम आता है, लेकिन उसकी पैकिंग पर देवी सरस्वती की तस्वीर होती है. उपयोग के बाद वह रैपर कूड़े में चला जाता है. हमारी धार्मिक मान्यताओं का यह अपमान है. इसे रोकने के लिए हम कानून का सहारा लेंगे. शास्त्री ने हिंदू समाज और वकीलों से अपील की है कि वे ऐसी कंपनियों के खिलाफ आवाज उठाएं.
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साथ ही उन्होंने गुरुकुलों की आवश्यकता पर भी जोर दिया. उनका कहना था कि मस्जिदों के पास मदरसे और चर्चों के पास कॉन्वेंट स्कूल हैं, लेकिन मठों के पास गुरुकुल नहीं हैं. सरकार जिस तरह मदरसों को फंड देती है, उसी तरह वैदिक गुरुकुलम को भी सहयोग करे.
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उन्होंने कहा कि हर मंदिर के साथ गुरुकुलम जरूरी है. भव्य मंदिर निर्माण से ज्यादा जरूरी नई पीढ़ी को वैदिक परंपरा और संस्कारों से जोड़ना है. अगर हमने नहीं सिखाया तो आने वाले समय में नई पीढ़ी को श्राद्ध पक्ष, संस्कार या वेद-विद्या का ज्ञान नहीं रहेगा.
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धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने साफ कहा कि भारत अघोषित रूप से हिंदू राष्ट्र है, लेकिन घोषित रूप से तभी होगा जब हिंदू अपने धर्म और परंपरा पर गर्व करेंगे. इसके लिए वैचारिक क्रांति और गुरुकुलम की पुनःस्थापना आवश्यक है.