विधानसभा चुनाव के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में टिकट बंटवारे को लेकर असंतोष खुलकर सामने आ गया है. दरभंगा में राजद के अति पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ से जुड़े करीब 50 नेताओं ने सामूहिक इस्तीफा देकर पार्टी नेतृत्व को बड़ा झटका दिया है.
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दरभंगा के एक होटल में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाराज नेताओं ने पार्टी सुप्रीमो और शीर्ष नेतृत्व पर उपेक्षा, पक्षपात और मनमानी के गंभीर आरोप लगाए. नेताओं का कहना था कि राजद ने अति पिछड़ा वर्ग को सिर्फ वोट बैंक की तरह इस्तेमाल किया है, लेकिन जब प्रतिनिधित्व देने की बात आई तो पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया.
राजद अति पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. कुमार गौरव ने कहा, हम सालों से राजद के लिए मेहनत कर रहे हैं, लेकिन टिकट बंटवारे में हमें दरकिनार किया गया. अब पार्टी में विचारधारा नहीं, बल्कि चापलूसी और आर्थिक ताकत का बोलबाला है.
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पूर्व जिला परिषद अध्यक्ष भोला सहनी ने कहा, पार्टी में ईमानदार और समर्पित कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट चुका है. हम सम्मानजनक राजनीति करेंगे, न कि अपमानजनक समझौते.
सभी नेताओं ने राजद की प्राथमिक सदस्यता और संगठनात्मक पदों से इस्तीफा सौंप दिया है. इस्तीफा देने वालों में भोला सहनी, डॉ. कुमार गौरव, गोपाल लाल देव, राम सुंदर कामत, सुशील सहनी, देवन सहनी, राजाराम लालदेव, भरत कुमार सहनी, प्रीति कुमारी और संजना देवी समेत कई जिला, प्रखंड और पंचायत स्तर के पदाधिकारी शामिल हैं.
स्थानीय राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह इस्तीफा न सिर्फ राजद के भीतर बढ़ते असंतोष को उजागर करता है, बल्कि महागठबंधन के जातीय समीकरणों पर भी असर डाल सकता है, क्योंकि अति पिछड़ा वर्ग अब तक पार्टी का मजबूत आधार रहा है.