बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जारी महागठबंधन के घोषणा पत्र पर सियासत तेज हो गई है. एलजेपी (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान और बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने तेजस्वी यादव और महागठबंधन पर तीखा हमला बोला है.
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चिराग पासवान ने मंगलवार को मीडिया से बातचीत में कहा, “जब सरकार में आना ही नहीं है तो झूठ बोलने में क्या जाता है. अभी तो इन्होंने परिवार में एक सरकारी नौकरी की बात की है, अगर झूठ बोलने पर आ जाएं तो हर व्यक्ति को सरकारी नौकरी का वादा कर देंगे. झूठ बोलने में ये लोग माहिर हैं.”
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उन्होंने कहा कि जनता अब इन झूठे वादों के जाल में फंसने वाली नहीं है. बिहार जानता है कि इन लोगों ने पहले भी 10 लाख नौकरी देने का वादा किया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ.
वहीं, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने भी महागठबंधन के घोषणा पत्र को झूठ का पुलिंदा बताया. उन्होंने कहा, “महागठबंधन का घोषणा पत्र ‘खोदा पहाड़ निकली चुहिया’ जैसा है. नौकरी देने की बात कर रहे हैं, लेकिन यह नहीं बता रहे कि पैसा कहां से आएगा, कितना बजट लगेगा और इसे लागू कैसे करेंगे.”
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सम्राट चौधरी ने आगे कहा कि लालू यादव के शासनकाल की अराजकता को भी जनता के सामने लाना होगा. उन्होंने कहा कि यह महज एक चुनावी घोषणा है, जिसका धरातल पर कोई आधार नहीं है.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि महागठबंधन के घोषणा पत्र ने जहां युवा और महिला वोटर्स को आकर्षित किया है, वहीं बीजेपी और एलजेपी इसे अव्यवहारिक बताते हुए जनता के बीच “झूठे वादों” का मुद्दा बना रही हैं.


























