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Chhath Puja in Bihar: नहाए-खाए से शुरू हुआ आस्था का 4 दिवसीय पर्व

नालंदा मुख्यालय से लेकर प्रखंडों और गांवों तक आज से लोक आस्था का चार दिवसीय छठ महापर्व धूमधाम से शुरू हो गया। नहाए-खाए के साथ इस महापर्व की शुरुआत हुई, जहां व्रती महिलाओं ने शुद्धता और आस्था के साथ भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की।

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लोक आस्था का सबसे बड़ा पर्व छठ महापर्व आज से शुरू हो गया। जिले के बिहारशरीफ मुख्यालय से लेकर प्रखंडों तक जैसे रहुई प्रखंड के मोरा तालाब, हरनौत, अस्थावां सहित सभी प्रखंडों व गांवों में श्रद्धालुओं ने परंपरागत तरीके से नहाए-खाए का व्रत किया। इस दौरान घर-घर में दाल, कद्दू-भात और चने की दाल बनाकर सूर्य भगवान को अर्पित की गई।

व्रती महिलाओं सरिता देवी, जयंती देवी, शोभा देवी, ममता देवी और आरती कुमारी ने बताया कि छठ पर्व शुद्धता और आत्मसंयम का प्रतीक है। गंगा या तालाब में स्नान के बाद मिट्टी या पीतल के बर्तनों में भोजन तैयार किया जाता है। नहाए-खाए के बाद कल लोहंडा (खरना) का व्रत मनाया जाएगा, जिसमें गुड़-चावल की खीर और रोटी का प्रसाद भगवान सूर्य को अर्पित किया जाएगा।

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पूरे जिले में छठ को लेकर श्रद्धा और उल्लास का माहौल है। मोहल्लों से लेकर घाटों तक सफाई और सजावट के इंतजाम किए गए हैं। महिलाएं पारंपरिक गीत गाते हुए व्रत की तैयारियों में जुटी हैं।

खास बात यह रही कि इस बार नालंदा के कई छठ घाटों मोरा तालाब, सोहसराय, राजगीर तालाब, अस्थावां सरोवर पर प्रशासन ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो।