बिहारभर में आस्था और श्रद्धा के बीच चार दिनों तक चला छठ महापर्व सोमवार की सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न हो गया. व्रतियों ने नदियों, तालाबों और घरों की छतों पर सूर्य देव की उपासना कर लोक आस्था के इस महान पर्व का समापन किया. उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास भी समाप्त हुआ.

Bihar : अक्षरा, नीतीश, चिराग सब एक साथ — छठ पर्व ने जोड़ा पूरा बिहार!
राजधानी पटना समेत राज्य के सभी जिलों में सुबह से ही घाटों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी. गंगा तट पर श्रद्धालु सूप और दउरा में ठेकुआ, फल और दीया लेकर सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते नजर आए. इस दौरान छठ गीतों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने बेटे निशांत कुमार के साथ मुख्यमंत्री आवास परिसर में अर्घ्य दिया. वहीं, लोजपा (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान ने अपनी मां रीना पासवान के साथ अर्घ्य अर्पित किया. उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा, राज्यसभा सांसद संजय जायसवाल, मंत्री नितिन नवीन और कई जनप्रतिनिधियों ने भी अपने-अपने आवास पर पूजा की.

पटना के दीघा, एनआईटी घाट, कलेक्ट्री घाट और कुर्जी घाट पर सुबह चार बजे से ही श्रद्धालुओं की कतारें लग गईं. भीड़ के कारण अटल पथ पर सुबह साढ़े चार बजे करीब एक किलोमीटर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया, जिसे पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद नियंत्रित किया.

औरंगाबाद, दरभंगा, भागलपुर, सहरसा, सीवान, आरा, हाजीपुर और मुजफ्फरपुर के घाटों पर भी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. औरंगाबाद के प्रसिद्ध सूर्य मंदिर तालाब में इस बार भी लाखों लोगों ने पूजा-अर्चना की.

बिहार के 38 जिलों के 70 से अधिक घाटों पर सूर्य देव की आराधना के इस पर्व ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि छठ न केवल एक धार्मिक परंपरा है, बल्कि बिहार की संस्कृति, आस्था और एकता का प्रतीक है.


























